भारत के अरुणाचल प्रदेश में भगवान परशुराम की लगभग 54 फीट की ऊंची परशुराम की प्रतिमा बनेगी. परशुराम हाथों में फरसा लिए पड़ोसी राष्ट्र चीन को ललकारते नजर आएंगे. विप्र फाउंडेशन के संस्थापक सुशील ओझा ने कहा कि भारत को अगर फिर से विश्व गुरु बनाना है तो हमारे संस्कृति का पुन: जागरण व पुन: प्रतिष्ठा करनी पड़ेगी. देश के युवाओं के अंदर जब तक भारतीय संस्कार की स्थापना नहीं होगी तब तक हम आगे नहीं बढ़ पाएंगे।
उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त कर कहा कि इसी कड़ी में देश के पूर्वी भारत इलाके के भारत चीन सीमा पर अवस्थित अरुणाचल प्रदेश के परशुराम कुंड स्थल में लगभग 15 करोड़ की लागत से भगवान परशुराम की 54 फीट की ऊंची प्रतिमा स्थापित की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस सुरम्य पहाड़ियों से 36 टन वजनी पंचधातु की बनी भगवान परशुराम का फरसा पड़ोसी देश चीन को सीमा पर ललकारता नजर आने वाला है। अरुणाचल में बन रहा परशुराम तीर्थ क्षेत्र को विकशित करने के लिए भारत सरकार ने प्रसाद योजना के अंतर्गत 40 करोड़ रुपये दिए थे। उन्होंने बताया कि विप्र फाउंडेशन की ओर से स्थापित की जाने वाली 54 फीट ऊंची भगवान परशुराम प्रतिमा की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आधारशिला रखी थी।
इस परशुराम कुंड क्षेत्र को देश के बड़े तीर्थ स्थलों के रूप में विकसित किया जाएगा। इस कार्य में केंद्र व अरुणाचल सरकार के साथ विप्र फाउंडेशन भी सहभागी बनी है. उन्होंने कहा कि यह तीर्थ स्थल काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि देश का पूर्वी क्षेत्र जिसमे उत्तर पूर्व के सात राज्य के लोग पश्चिम बंगाल,बिहार,झारखंड, उड़ीसा के लोगों के साथ रेलमार्ग से सीधे जुड़ेंगे. जिसके लिए रेल मार्ग का कार्य जल्द विकसित करने का ऐलान गृहमंत्री ने किया है।
अरुणाचल में बन रहा परशुराम तीर्थ क्षेत्र जल्द ही आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुल जाएगा। वहीं उन्होंने स्थानीय लोगों से अरुणाचल प्रदेश में भगवान परशुराम की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए आग्रह किया।
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