पूर्णिया में सिविल एयरपोर्ट निर्माण का अभियान भारत की सीमा पारकर नेपाल तक पहुंच गया है। जिसे नेपाल के मंत्री और अधिकारियों का भी सहयोग मिल रहा है। मंगलवार को कोशी प्रांत के सामाजिक विकास मंत्री बुद्धिकुमार राज भंडारी ने भारत सरकार से पूर्णिया में सिविल एयरपोर्ट के निर्माण कार्य में तेजी लाने का आग्रह किया है। उन्होने कहा कि पूर्णिया में हवाई अड्डे से दोनों देशों के लोगों को अत्यधिक लाभ होगा। क्योंकि पश्चिम बंगाल में बागडोगरा पहुंचने में हमें कम से कम 3 घंटे लगते हैं जबकि हम दो घंटे के भीतर पूर्णिया पहुंच सकते हैं। सथ ही उम्मीद जताई कि नागरिक एन्क्लेव दोनों देशों के बीच मैत्री बंधन को भी मजबूत करेगा।
पूर्णिया एयरपोर्ट निर्माण को मिला नेपाल का साथ
मंगलवार को कोशी प्रांत की राजधानी बिराटनगर के एक होटल में सामाजिक विकास मंत्री बुद्धिकुमार दो देशों के बीच दोस्ती के बंधन को मजबूत करने और पर्यटन को बढ़ावा देने को लेकर बैठक कर रहे थे। जिसमें कोशी प्रांत के पर्यटन और वन विभाग के सचिव संजीव रेले और पर्यटन बोर्ड के अध्यक्ष भविष्य. श्रेष्ठ ने भी उम्मीद जताई कि पूर्णिया में सिविल एयरपोर्ट न केवल पर्यटन बल्कि दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों को भी बढ़ावा देगा।
पूर्णिया एयरपोर्ट बना सियासत का खेल
नेपाल के मंत्री और अधिकारियों के साथ बैठक में प्रेस क्लब पूर्णिया के अध्यक्ष नंद किशोर सिंह और कोषाध्यक्ष पंकज नायक ने पड़ोसी देश नेपाल में पूर्णिया हवाई अड्डे के अभियान को समर्थन मिलने पर खुशी जाहिर की। दरअसल पूर्णिया एयरपोर्ट के निर्माण का मुद्दा राजनीति का खेल बन गया है। एयरपोर्ट के निर्माण के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। बिहार सरकार ने दक्षिणी इलाके में हवाई अड्डे के लिए 52.18 एकड़ जमीन अधिग्रहित की है। जबकि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने उत्तर में जमीन की मांग की थी। अब एएआई ने अतिरिक्त 15 एकड़ जमीन की मांग की है और भूमि अधिग्रहण केवल राज्य सरकार द्वारा किया जा सकता है।
देरी के लिए BJP ने नीतीश सरकार ठहराया जिम्मेदार
भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने बुधवार को अपने पूर्णिया दौरे के दौरान सिविल एयरपोर्ट के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण में रुचि नहीं लेने पर बिहार सरकार की आलोचना की। उन्होने कहा कि बिहार सरकार जनविरोधी है और कभी नहीं चाहती कि केंद्रीय योजनाओं को जमीन मिले। शुरुआत से ही इस अभियान का नेतृत्व कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुमार श्रीवास्तव ने स्थानीय नेताओं की उदासीनता पर हैरानी जताते हुए कहा, हम धोखा महसूस कर रहे हैं, हमने हवाई अड्डे के समर्थन में सीमांचल और कोसी में तमाम जगहों पर धरना दिया। हमारे पास शांतिपूर्ण आंदोलन का सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
2012 में, चूनापुर IAF के विंग कमांडर विश्वजीत कुमार की पहल पर पूर्णिया-पटना और पूर्णिया-कोलकाता के बीच उड़ान सेवाएं शुरू की गईं। हालांकि एक घंटे के बाद सेवाएं बंद कर दी गईं। आपको बता दें चूनापुर में मौजूदा IAF हवाई अड्डा पूर्णिया जिला मुख्यालय से 10 किमी की दूरी पर है। जिसे साल 1962 में भारत-चीन युद्ध के तुरंत बाद बनाया गया था। पूर्णिया IAF का रनवे दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद और मैंगलोर जैसे बड़े शहरों में हवाई अड्डों के समान है और – रनवे की कारपेटिंग का काम पूरा हो चुका है।
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