पटना: राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ केस में दो साल की सजा होने के बाद केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने में बिहार कांग्रेस को आरजेडी का साथ मिला है। बिहार विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले पटना में आरजेडी और कांग्रेस विधायकों ने शुक्रवार को नारेबाजी की और मोदी सरकार का विरोध जताया। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने इस प्रदर्शन से दूरी बना ली है। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव जहां खुलकर राहुल गांधी का समर्थन कर रहे हैं, वहीं सीएम नीतीश इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। इससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा का दौर शुरू हो गया है।
गुजरात के सूरत की अदालत ने गुरुवार को ‘मोदी सरनेम’ वाले मानहानि केस में दो साल की सजा सुनाई। इसके बाद शुक्रवार को बिहार विधानसभा में सत्ता पक्ष की ओर से यह मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया। आरजेडी और कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा परिसर में मार्च निकालकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान पूर्व सीएम जीतनराम मांझी भी मौजूद रहे। सत्ता पक्ष के विधायकों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह अदालतों और केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके विरोधियों की आवाज का गला घोंट रही है। अदालतों का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है।
इसके बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो सत्ता पक्ष के विधायक वेल में उतर आए। कांग्रेस और आरजेडी के विधायकों ने हंगामा करते हुए राहुल गांधी की सजा का मुद्दा उठाया और केंद्र पर विरोधियों को परेशान किए जाने के आरोप लगाए। इसके बाद स्पीकर के समझाने पर वे वापस अपनी सीट पर लौटे।
जेडीयू की प्रदर्शन से दूरी
खास बात यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू का इस मुद्दे पर अपने सहयोगी दलों से अलग मूड नजर आ रहा है। शुक्रवार को विधानसभा में हुए प्रदर्शन में आरजेडी, कांग्रेस और HAM के साथ जेडीयू का एक भी विधायक शामिल नहीं हुआ। अब यह चर्चा का विषय बन गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस मामले पर चुप्पी साधी हुई है। उन्होंने राहुल गांधी को सजा होने के मामले पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश की पार्टी इस मामले पर खुद को अलग रखना चाहती है।
तेजस्वी का कांग्रेस को समर्थन
दूसरी ओर, राहुल गांधी को सजा होने के बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने खुलकर कांग्रेस को समर्थन दिया है। तेजस्वी यादव ने गुरुवार को राहुल गांधी के समर्थन में ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “चक्रव्यूह रच विपक्षी नेताओं पर ED,IT, CBI से दबिश करवाओ, फिर भी बात ना बने तो घिनौने षड’यंत्र के अंतर्गत विभिन्न शहरों में आधारहीन मुकदमे करवाओ ताकि हैडलाइन मैनेजमेंट में कोई कोर कसर ना रह जाए। यह संविधान, लोकतंत्र, राजनीति और देश के लिए अतिगंभीर चिंता का विषय है।”
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