Press "Enter" to skip to content

मौत के 14 साल बाद 93 लाख

वर्ष 2011 में बस और कार की टक्कर में एक डॉक्टर की मौत हो गयी थी. बिहार के भागलपुर से बांका के अमरपुर जाते समय डॉक्टर प्रीति सिंघानिया की सड़क हादसे में जान चली गयी थी.

मृतका के परिवार को पटना हाईकोर्ट ने अब बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने बीमा कंपनी को निर्देश दिया कि वह वाहन दुर्घटना में जान गंवाने वाली डॉक्टर प्रीति के परिजनों को 93 लाख रुपए का भुगतान मुआवजा के तौर पर कर दे.

19 मई 2011 को भागलपुर से अमरपुर आने के दौरान बस और कार की टक्कर में डॉक्टर प्रीति की मौत हुई थी. उनके ड्राइवर की भी मौत हो गयी थी. डॉ. प्रीति सरकारी अस्पताल में डॉक्टर थीं.

कोर्ट ने यह माना कि मृतका की वार्षिक आय सरकारी वेतन और निजी प्रैक्टिस से 9,31,454 रुपए थी. उम्र 39 होने के कारण 15 का गुणक लागू करते हुए कुल क्षतिपूर्ति 93,14,550 रुपए तय की गयी.

बीमा कंपनी ने कोर्ट को बताया कि मृतका के पति खुद डॉक्टर हैं इसलिए वे आश्रित नहीं माने जा सकते हैं. इसपर कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का हवाला दिया और स्पष्ट किया कि कानूनी प्रतिनिधि के तौर पर पति भी मुआवजा पाने के हकदार हैं. भले ही वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र हों.

कोर्ट ने यह भी कहा कि निजी प्रैक्टिस से हुई आय को आयकर रिटर्न के आधार पर प्रमाणित किया गया है. जिसे नकारा नहीं जा सकता है. कोर्ट ने दो महीने के अंदर पीड़ित परिवार को भुगतान करने का निर्देश बीमा कंपनी को दिया है.

Share This Article

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *