सुपौल: सूबे में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का दावा सरकार करती है लेकिन सुपौल के त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल की जो तस्वीरें निकलकर सामने आई है वो इन दावों की पोल खोलने का काम कर रही है। दरअसल, बिजली गुल रहने के कारण अस्पताल में आए मरीज का इलाज मोबाइल टॉर्च की रोशनी में किया गया। इस दौरान अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
बताया जाता है कि त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के टोल प्लाजा के पास दो बाइक की सीधी भिड़ंत में बाइक सवार दो लोग घाय’ल हो गये थे। आनन-फानन में दोनों को अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन इलाज के दौरान बिजली नहीं थी जिसके कारण स्वास्थ्य कर्मियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा बाद में मोबाइल टार्च की रोशनी में मरीज का प्राथमिक उपचार हुआ। जिसके बाद दोनों को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर किया गया। घा’यल युवकों की पहचान इरशाद और अजित के रूप में हुई है।
ऐसा नहीं है कि अस्पताल में जेनरेटर नहीं है लेकिन जेनरेटर चालू होते ही बंद हो जा रहा था। टेक्नीशियन से जब जेनरेटर चालू नहीं होने का कारण पूछा गया तो बताया कि इसी जेनरेटर से एएनएम ट्रेनिंग स्कूल का भी कनेक्शन है लेकिन शॉर्ट सर्किट के कारण जेनरेटर लोड नहीं ले रहा है। जिसके कारण स्टार्ट होने के बजाय जेनरेटर बंद हो जा रहा है। जिसके कारण अस्पताल में बिजली गुल हो गयी। बिजली नहीं रहने के कारण अस्पताल में अंधेरा छाया रहा। इसी दौरान सड़क हा’दसे में घा’यल दो युवकों को जिस समय अस्पताल लाया गया उस वक्त अस्पताल में बिजली नहीं थी।
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