वैशाली: बिहार में जहरी’ली श’राब से मौ’तों का सिलसिला लगातार जारी है। इसी कड़ी में बिहार सरकार के एक मंत्री का अजीबो-गरीब बयान सामने आया है। मंत्री से जब जह’रीली शरा’ब से मौ’तों से जुड़ा सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ज’हरीली श’राब से म’रना गैरकानूनी है। ये बयान सामाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन सहनी ने दिया है। शरा’बबंदी के सवाल पर जवाब देते हुए मंत्री ने अपने ही समर्थकों की पोल खोलनी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि बिहार में अगर श’राबबंदी न होता तो हमारे कार्यकर्ता और समर्थक न’शे में धु’त्त होते। उन्होंने आगे कहा कि आज मेरे समर्थकों ने नहीं श’राब नहीं पी है, भरोसा न हो तो इनका मुंह सूंघ कर देख लीजिये।
शरा’ब से लगातार हो रही मौ’तों के बाद भी बिहार सरकार के मंत्री बिहार को श’राब मुक्त घोषित करने में जुटे है। जहरी’ली श’राब और श’राब से मौ’तों पर मंत्री जी ने ना केवल शरा’ब पीने वालों को ही बल्कि म’रने वालों को भी जवाबदेही बना दिया। मंत्री ने जिस तरीके से जह’रीली श’राब से म’रने को गैरकानूनी बताया उससे तो शायद यही लगता है कि सरकार जहरी’ली श’राब से म’रने वालों को अब कहीं जेल ना भेज दे।
दरअसल, जदयू नेता और बिहार सरकार में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी आरक्षण अधिकार पदयात्रा को लेकर वैशाली के लालगंज पहुंचे थे। सवाल जब शरा’बबंदी की विफलता और शरा’ब से हो रही मौ’तों को लेकर हुआ तो मंत्री ने अपने कार्यकर्ताओ का ही उदाहरण देते हुए कह दिया की श’राबबंदी न होता तो मेरी सभा में मौजूद कई कार्यकर्ता समर्थक न’शे में मिलते।
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