2016 के एसएससी पैनल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द कर दिये जाने के बाद 26,752 लोगों की नौकरी चली गई। कोर्ट के इस फैसले से कई लोगों के भविष्य पर संकट के काले बादल छा गए हैं। लोगों के सामने आर्थिक संकट आ गई है।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद शिक्षकों की नौकरी चले जाने से कई स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। शिक्षकों की कमी की वजह से स्कूल के संचालन में दिक्कतें आ रही है।

राज्य में न केवल माध्यमिक स्तर, बल्कि उच्च माध्यमिक शिक्षा भी बाधित हो रही है। जल्द ही उच्च माध्यमिक के सेमेस्टर 3 की कक्षाएं शुरू होने वाली है। साथ ही 2025-26 का नया शैक्षणिक सत्र भी बहुत जल्द शुरू होने वाला है।

ऐसे स्थिति में शिक्षकों की कमी स्कूल प्रबंधन के सामने बहुत बड़ी चुनौती बन गई है। यह सोचने वाली बात है, कि बिना शिक्षक के स्कूल चलाना कैसे संभव हो पाएगा।

कुछ स्कूलों में शिक्षकों की संख्या घटकर हुई आधी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षकों की नौकरी चले जाने से कई स्कूल प्रभावित हुए हैं। किसी स्कूल में 1 या 2, तो किसी स्कूल में शिक्षकों की संख्या घटकर आधी हो गई है।

कुछ स्कूलों की स्थिति ऐसी भी है कि वहां मात्र 5 से 6 शिक्षक ही बच गए हैं। कुछ जगहों पर छात्रों की परीक्षाएं चल रही है, वहां इनविजिलेशन करने वाला भी कोई नहीं है। कुछ स्कूलों की स्थिति ऐसी है, कि वहां कुछ विषयों के एक भी शिक्षक नहीं बचे हैं।

एक एचएम ने कहा कि पहले जहां स्कूल में शिक्षकों की संख्या 41 थी, वहीं अब यह संख्या घटकर 26 हो गई है। उन्होंने कहा कि स्कूल में कुछ विषयों के मात्र 1 शिक्षक बच गए हैं, ऐसे में उन्हें ही कक्षा 5वीं से 12वीं तक के कक्षा को पढ़ाना पड़ रहा है।
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