मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि शिक्षकों के खाली पदों को जल्द भरें। जहां शिक्षकों की कमी है, वहां शिक्षकों की जल्द बहाली हो। ताकि, छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन में कोई दिक्कत न हो।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को एक अणे मार्ग में शिक्षा विभाग की समीक्षा की और कई निर्देश पदाधिकारियों को दिए। मालूम हो वर्तमान में करीब डेढ़ लाख शिक्षकों के पद खाली हैं। हालांकि, जिलों से इसकी अद्यतन रिपोर्ट ली जा रही है। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय योजना के अंतर्गत बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की गई, ताकि छात्र-छात्राओं को आगे की पढ़ाई करने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। इस योजना का क्रियान्वयन बेहतर ढंग से कराएं और छात्र-छात्राओं के बीच इसका प्रचार-प्रसार भी कराएं। ताकि योजना में तेजी आये और विद्यार्थी इस योजना का लाभ उठा सकें। राज्य के सभी सरकारी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शुरू की गई ‘उन्नयन बिहार’ कार्यक्रम का क्रियान्वयन ठीक ढंग से कराते रहें, ताकि छात्र-छात्राएं इसका लाभ उठा सकें।
एससी-एसटी, अल्पसंख्यक लड़कियों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दें
मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों से कहा है कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अतिपिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्ग की लड़कियों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दें। शिक्षा के क्षेत्र में सुधार में कई कदम उठाए गए हैं। बड़ी संख्या में प्राथमिक विद्यालय एवं मय विद्यालय की स्थापना की गई है। विद्यालय भवनों का भी निर्माण कराया गया है। सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की गई है। इससे अब छात्र-छात्राओं को अपने पंचायत में ही उच्च माध्यमिक शिक्षा मिल सकेगी। हमलोग चाहते हैं कि छात्र-छात्राएं बेहतर ढंग से पढ़ाई करें। छात्राओं के शैक्षणिक स्तर में सुधार होने से प्रजनन दर में और कमी आएगी। पहले से राज्य में प्रजनन दर घटा है। प्रजनन दर को कम करने में शिक्षा का बहुत महत्व है।
मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों से कहा है कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अतिपिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्ग की लड़कियों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दें। शिक्षा के क्षेत्र में सुधार में कई कदम उठाए गए हैं। बड़ी संख्या में प्राथमिक विद्यालय एवं मय विद्यालय की स्थापना की गई है। विद्यालय भवनों का भी निर्माण कराया गया है। सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की गई है। इससे अब छात्र-छात्राओं को अपने पंचायत में ही उच्च माध्यमिक शिक्षा मिल सकेगी। हमलोग चाहते हैं कि छात्र-छात्राएं बेहतर ढंग से पढ़ाई करें। छात्राओं के शैक्षणिक स्तर में सुधार होने से प्रजनन दर में और कमी आएगी। पहले से राज्य में प्रजनन दर घटा है। प्रजनन दर को कम करने में शिक्षा का बहुत महत्व है।
केंद्र सरकार ने नहीं दी योजनाओं की राशि
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य को दी जानेवाली केंद्रांश की राशि अभी तक नहीं दी गयी है। इसको लेकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस संदर्भ में केंद्र सरकार को पुन: पत्र लिखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों में पठन-पाठन के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और मौलाना अबुल कलाम आजाद के जीवन वृत्त, सिद्घांतों एवं उनके विचारों के बारे में बताया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य को दी जानेवाली केंद्रांश की राशि अभी तक नहीं दी गयी है। इसको लेकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस संदर्भ में केंद्र सरकार को पुन: पत्र लिखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों में पठन-पाठन के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और मौलाना अबुल कलाम आजाद के जीवन वृत्त, सिद्घांतों एवं उनके विचारों के बारे में बताया जाता है।
इसका उद्देश्य है कि नई पीढ़ी के बच्चे-बच्चियां अपने महापुरुषों और देश की आजादी के बारे में ठीक ढंग से जान सकें। बैठक में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्घार्थ, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, शिक्षा विभाग के सचिव असंगवा चुबा एओ, निदेशक माध्यमिक मनोज कुमार, निदेशक प्राथमिक रवि प्रकाश, निदेशक एससीईआरटी सज्जन आर, विशेष सचिव सह निदेशक मयाह्न भोजन योजना सतीश चंद्र झा सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
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