दरभंगा मेडिकल कालेज, अस्पताल (डीएमसीएच) में कोरोना की चौथी लहर की आशंका के मद्देनजर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यहां आइसोलेशन वार्ड तैयार रखा गया है। इसमें चिकित्सक, स्टाफ नर्स, पारा मेडिकल और नन-क्लिनिकल कर्मियों की तैनाती रोस्टर के मुताबिक की गई है। जिले में फिलहाल 257 बेड तैयार हैं। कोविड मरीजों के इलाज के लिए डीएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड में 120 बेड है। हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) वार्ड में 25 बेड लगाए गए हैं। गहन चिकित्सा कक्ष में 12 बेड का इंतजाम है।
कोरोना के एचडीयू और आइसीयू के सभी बेड वेंटीलेटर, आक्सीजन आदि से लैस हैं। इसके अतिरिक्त कोरोना वार्ड के सामान्य बेड को भी अन्य जीवन रक्षक मशीनों से लैस किया गया है। बेड पर सीधे आक्सीजन की आपूर्ति के लिए चार प्लांट के इंतजाम है। इसमें से तीन प्लांट चालू हैं। माइल्ड मरीजों के लिए 100 बेड का वार्ड जिला स्कूल में भी बनाया गया है।
शिशु रोग वार्ड में संक्रमितों के लिए 16 बेड का इंतजाम किया गया है। कोरोना वार्ड पर निगरानी के लिए क्लोज सर्किट टेलीविजन कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा विभिन्न कार्यों के लिए अलग-अलग नोडल आफिसर तैनात किए गए हैं।
हाई डिपेंडेंसी यूनिट मरीजों के लिए वरदान साबित होगी। यहां चिकित्सकों के अलावा उ’च गुणवत्ता वाली मशीनें बेड के साथ लगाई गईं हैं। हाई डिपेंडेंसी यूनिट में मरीजों के लिए खास इंतजाम होता है। बताते हैं कि यूनिट में सेंट्रल मानीटर सिस्टम लगा होता है। मानीटर सभी बेड पर लगे मानीटर को कनेक्ट करेगा। इसका एक सेटअप मेडिकल आफिसर के पास होता है। इससे मरीजों पर नजर रखने में सहूलियत होती है। इसके लिए अलग से स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती की जाती है। डीएमसीएच में दरभंगा के अलावा उत्तर बिहार के कई जिलों के मरीज आते हैं। उनमें समस्तीपुर, सुपौल, सहरसा, बेगूसराय, सुपौल, सहरसा और खगडिय़ा शामिल हैं।
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