बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट शरा’बबंदी पर पूरी तरह नकेल कसने के लिए अब एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाएगा। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एआई तंत्र सभी कार्यों को डिजिटल तरीके से स्वचालित करेगा। पुलिस को अब रिकॉर्ड को मैन्युअल रूप से बनाए रखने की आवश्यकता नहीं होगी।
उन्होंने बताया कि एक बार शुरू होने के बाद यह राज्य में अवै’ध श’राब व्यापार में शामिल गिरोहों या व्यक्तियों को पकड़ने में पुलिसकर्मियों की मदद करेगा। रीयल-टाइम एनालिटिक्स और स्वचालित प्रक्रियाओं के साथ उनके संचालन के क्षेत्र की पहचान करना आसान होगा।
राज्य अप’राध रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) कमल किशोर सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां पहले से ही देश भर में कई तरीकों से एआई की का इस्तेमाल कर रही हैं। सिंह ने कहा कि बिहार पुलिस बल आईटी कैडर बनाने की योजना पर काम कर रही है। इस बारे में हाल ही में गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है।
अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) ने कहा कि प्रस्तावित आईटी इंस्पेक्टर और आईटी कांस्टेबल सहित लगभग 2,000 अधिकारी और कर्मी होंगे। आईटी कैडर के अधिकारी एआई सिस्टम के सभी कार्यों को संभालेंगे। सिंह ने कहा कि अपराध से निपटने और प्रबंधन के दृष्टिकोण से एआई उपकरण विशेष मददगार होंगे। आप’राधिक रिकॉर्ड सहित सभी दस्तावेज को स्कैन कर डिजिटल किया जाएगा। इससे पुलिस बल को काफी मदद मिलेगी।
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