बिहार में श’राब की त’स्करी करने से बच्चे भी नहीं अछूते हैं। राज्य के बाल सु’धार गृहों यानी पर्यवेक्षण गृहों में रहने वाले 60 प्रतिशत बच्चे श’राब के कुरियर ब्यॉय के रूप में संलिप्त पाये गये हैं। इन बच्चों से श’राब मा’फिया स्कूल बैग में सामान पहुंचाने के लिए श’राब का कुरियर ब्वॉय बना रहे हैं।
राज्य के 21 पर्यवेक्षण गृहों में 1243 अ’पराध में सं’लिप्त बच्चे रह रहे हैं। इन बाल सुधार गृहों में चो’री, रे’प, श’राब त’स्करी, स्मै’क, ब्रा’उन शु’गर के बाद सा’इबर में भी बच्चे सं’लिप्त पाये जा रह हैं।
जानकारी के अनुसार, शरा’ब कुरियर के बाद मोबाइल चो’री के रूप में बच्चों का सबसे अधिक इस्ते’माल किया जा रहा है। लगभग 20 प्रतिशत बच्चों का इस्ते’माल चो’री के लिए किया जा रहा है। मोबाइल चो’री के बाद 10 प्रतिशत गां’जा, स्मै’क और ब्रा’उन शु’गर के सेव’न में बच्चे अधिक पक’ड़े जा रहे हैं।
इतना ही नहीं, 6-7 प्रतिशत बच्चे ऑनलाइन विडियो देखकर रे’प की घट’नाओं को अंजा’म दे रहे हैं। शरा’ब और चो’री में प’कड़े जा रहे बच्चों की काउंसिलिंग में पता चला कि आसानी से छू’ट जाने और कोई श’क न करे, इसका फा’यदा उठाकर गि’रोह बच्चों का इस्ते’माल कर रहे हैं।ख़बरों के अनुसार, अप’राध में संलि’प्त सबसे अधिक बच्चों के मामले में पटना सबसे आगे है। पटना के बाद मुजफ्फरपुर और गया के बच्चे अप’राध में सं’लिप्त मिल रहे हैं। किशनगंज, कटिहार के बच्चों का भी आप’राधिक घट’नाओं को अं’जाम देने के लिए इस्ते’माल किया जाता हैं। मिली जानकारी के अनुसार, रेलवे स्टेशन और गांधी मैदान इलाके में बच्चों को मो’हरा बनाकर मोबाइल चो’री का काम कराया जाता हैं। पुलिस की छा’नबीन में झारखंड के साहेबगंज इलाके का गि’रोह बच्चों को चो’री के लिए प्रशि’क्षित कर रहे हैं। इस गि’रोह का संचा’लन करनी वाली भी महिला है। साथ ही, कई बच्चों के माता-पिता भी इस गि’रोह में शामिल पाए गए है।
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