पटना : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर फिर हमलावर हो गये हैं। उन्होंने भाजपा और जदयू दोनों दलों के नेताओं को निशाने पर लिया। नीतीश सरकार की नल जल योजना में कथित भ्रष्टाचार की भी जमकर बखिया उधेड़ी।
तेजस्वी यादव ने कहा कि सात निश्चय के तहत मुख्यमंत्री की नल जल योजना काफी महत्वपूर्ण है। लेकिन, इस योजना बड़ा घपला सामने आया है। उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद के परिवार पर करोड़ों रुपए के घोटाले का खुलासा हुआ है।
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत नल में जल तो नहीं पहुंच रहा है, लेकिन जेडीयू और बीजेपी के नेताओं के अकाउंट में धन जरूर हो जाना है। उन्होंने मुख्यमंत्री को इसके लिए चुनौती दी कि वे 50 ऐसी पंचायतों का नाम बताएं जहां यह योजना ठीक से चल रही है।
उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम की बहू का टेंडर का मामला सामने आया है, जिसके डायरेक्टर तारकिशोर प्रसाद के साले हैं। पीएचईडी के नियम के अनुसार उसी को काम मिलता है, जिस कम्पनी के पास पहले से इस तरह के काम का अनुभव हो। लेकिन, इस कम्पनी के पास कोई अनुभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि अनुभव नहीं होने की बात खुद उप मुख्यमंत्री के साले स्वीकार भी करते हैं। अब नीतीश कुमार कहते हैं करप्शन पर जीरो टॉलरेंस। लेकिन मैं कहता हूं कि बिहार में शत-प्रतिशत करप्शन है। यह तो इस मामले में साबित भी हो गया है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि वर्ष 2018-19 में पीएचईडी किसके पास था। भाजपा के पास और डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी जी थे। ऐसे में इतना गड़बड़ कैसे हो गया। उन्होंने कहा नीतीश कुमार जी नैतिकता की बात करते थे, जीरो भ्रष्टाचार की बात करते थे। अब कहां चला गया सब।
उन्होंने कहा कि भाजपा वाले चुनाव की तैयारी कर रहे थे, ताकि वोट खरीदे जा सकें। वोट मैनेज किये जाएं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की औकात नहीं है कि भाजपा के मंत्री पर कार्रवाई कर सकें। मुख्यमंत्री डरपोक और कमजोर हैं, यह साफ दिख भी रहा है।
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