गोरौल(वैशाली)। प्रखंड संसाधन केंद्र में कार्यरत लेखा सहायक सह डाटा इंट्री ऑपरेटर की लापरवाही के कारण दर्जनों प्रधानध्यापकों का वेतन बंद कर दिया गया है। कई विद्यालयों को विकास की राशि से भी वंचित होना पड़ा है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने अपने पत्रांक 2669 दिनांक 24 अगस्त 2021 के द्वारा लेखा सहायक से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए कहा है कि कार्यालयी पत्रांक 2634 दिनांक 13 अगस्त 2021 के द्वारा बीते वर्ष 2018-19 के परभ्रिमण की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नही करने के कारण प्रखंड के 15 वद्यिालयों के प्रधानध्यापको का वेतन रोक लगा दी गयी है।
मालूम हो कि वद्यिालयो के प्रधानाध्यपको द्वारा वाट्सएप पर उपयोगिता प्रमाण पत्र के लिये सम्बंधित कागजात भेजा गया था। साथ ही आपको अवगत कराया गया था कि पूर्व में ही आपको उपयोगिता उपलब्ध करा दी गयी थी।
इसके बाबजूद आपके द्वारा विद्यालयो से प्राप्त किये गए उपयोगिता प्रमाण पत्र को जिला कार्यालय को उपलब्ध नहीं कराया गया। इससे प्रतीत होता है कि आपके द्वारा जानबूझ कर उपयोगिता प्रमाण पत्र लंबित रखा गया है। प्रमाण पत्र लंबित रखने से प्रधानाध्यपको को काफी परेशानी झेलनी पर रही है।
लेखा सहायक मिंटू पासवान ने बताया कि दर्जनों विद्यालयो के उपयोगिता प्रमाण पत्र में भारी गड़बड़ी थी। उन्हें विद्यालयों को वापस कर दिया गया था। विद्यालयों द्वारा जब ठीक कर दे दिया जाएगा, तो तुरंत उसे जिला कार्यालय को भोज दिया जाएगा।
Be First to Comment