Press "Enter" to skip to content

पत्थर को भी गला देती है यह दाल, पढ़िए पूरी बात

विश्व की सबसे पुरानी दाल, जिसमें पेट के पत्थरों को भी गला देने की है क्षमता !

नई दिल्ली । क्या आप जानते हैं कि एक ऐसी दाल है, जिसमें शरीर में तकलीफ बढ़ाने वाली पथरी को भी गलाने का माद्दा है? यह दाल न केवल पोषक तत्वों से भरपूर है, बल्कि इसका इतिहास भी हजारों साल पुराना है।

आयुर्वेद में इसे एक अद्भुत औषधि के रूप में मान्यता प्राप्त है। तो क्या आप जानना चाहेंगे कि यह रहस्यमयी दाल कौन सी है, जो समय के साथ हमारी सेहत के लिए इतनी फायदेमंद साबित हुई? उसका नाम है कुल्थी।

कुल्थी की दाल, जिसे आमतौर पर “हॉर्स ग्राम” के नाम से भी जाना जाता है, विश्व की सबसे पुरानी दालों में से एक मानी जाती है। इसका इतिहास गंगा बेसिन सभ्यता और वैदिक सभ्यता से भी पुराना है।

सरस्वती रिवर सभ्यता के समय, हड़प्पा कालीन सभ्यता में कुल्थी की दाल का सेवन किया जाता था और यह लगभग दस हजार वर्षों से भारतीय उपमहाद्वीप में खाई जा रही है। कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में की गई खुदाई में भी इसके अवशेष मिले हैं, जिससे यह पुष्टि होती है कि यह दाल हड़प्पा सभ्यता के समय से प्रयोग में रही थी।

कुल्थी की दाल का उल्लेख वेदों में भी किया गया है, जहां इसके औषधीय गुणों के बारे में बताया गया है। आयुर्वेद के दृष्टिकोण से भी यह एक सुपरफूड मानी जाती है और कई स्वास्थ्य लाभों का खजाना है।

Share This Article
More from StyleMore posts in Style »

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *