पटना: दुर्गा पूजा और दशहरा मनाने छुट्टी पर घर आए बिहार वासियों के लिए काम पर लौटना मुश्किल साबित हो रहा है। बिहार से दिल्ली, पश्चिम बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब समेत अन्य राज्यों के लिए जाने वाली ट्रेनें पूरी तरह फुल चल रही हैं। राज्य के रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ उमड़ रही है। लंबी दूरी की ट्रेनों के जनरल डिब्बों में पैर रखने की जगह नहीं हैं, वहीं आरक्षित स्लीपर कोच में भी कमोबेश यही हाल है। ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट लंबी है। साथ ही तत्काल टिकट के लिए भी मारामारी चल रही है। ऐसे में यात्री दूसरे राज्यों की ओर जाने के लिए दूसरे विकल्पों की तलाश भी करते हुए नजर आ रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, इस बार दूसरे राज्यों में काम करने वाले बड़ी संख्या में लोग दुर्गा पूजा और दशहरा मनाने अपने घर आए। छठ महापर्व में अभी करीब 20 दिन का समय बचा है। ऐसे में वे वापस काम पर लौट रहे हैं। छुट्टियां खत्म होने के बाद दूसरे शहरों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं भी वापस लौट रहे हैं। ऐसे में ट्रेनों में भीड़ बढ़ गई है। मुजफ्फरपुर जंक्शन पर बुधवार को मेले जैसा नजारा देखने को मिला। उत्तर भारत की ओर जाने वाली ट्रेनों में ज्यादा भीड़ नजर आई। लोग कंफर्म टिकट के लिए दलालों के चक्कर काटते रहे।
छठ को लेकर मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी, पूर्वी व पश्चिम चंपारण के लिए वैशाली, सप्तक्रांति, बिहार संपर्क क्रांति, लिच्छवी, संदभावना, स्वतंत्रता सेनानी, आम्रपाली, राजधानी एक्सप्रेस तक में सामान्य रिजर्वेशन टिकट भी उपलब्ध नहीं है। इसका फायदा टिकट दलाल उठा रहे हैं। प्रवासी अभी ही टिकट दलाल के संपर्क करना शुरू कर दिया है। छठ के बाद के टिकट के कमीशन का दर भी 20 प्रतिशत तक दलाल बढ़ा दिया है। आरपीएफ ने 30 से अधिक टिकट कालाबाजारी करने वाले दबोचे गए हैं।
रेलवे के अनुसार, छठ को लेकर पूमरे से 42 जोड़ी ट्रेनें चलेंगी। इसमें साप्ताहिक और दैनिक पूजा स्पेशल हैं, जो 512 फेरे लगाएगी। रेलवे का कहना है कि नियमित ट्रेनों में सीट नहीं होने पर स्पेशल ट्रेन चलायी जा रही है। इसमें सीट भी उपलब्ध हैं। 42 ट्रेनों में अधिकांश ट्रेनें एसी हैं।
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