बिहार के दरभंगा एयरपोर्ट से उड़ान भरने वालीं फ्लाइट्स के टिकटों में बेतहाशा बढ़ोतरी पर सियासी घमासान मच गया है। नीतीश सरकार में मंत्री और बीजेपी सांसद आपस में भिड़ गए हैं। राज्य के जल संसाधन एवं पीआरडी मंत्री संजय झा ने कहा है कि दरभंगा से वैट के कारण फ्लाइट के टिकट का मूल्य नहीं बढ़ा है, बल्कि फ्लाइट की संख्या कम होने के कारण ऐसा हुआ है। इससे पहले सांसद गोपालजी ठाकुर ने नीतीश सरकार द्वारा एटीएफ पर ज्यादा वैट वसूलने के चलते फ्लाइट्स किराया बढ़ने का आरोप लगाया।
मंत्री संजय झा ने गुरुवार को सांसद ठाकुर के आरो’पों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि किराया कम करने के लिए दरभंगा से फ्लाइट की संख्या बढ़ाई जाए। दरभंगा हवाई अड्डा उड़ान योजना के तहत बना है इसलिए यहां एयर टरबाइन फ्यूल पर बिहार सरकार का वैट मात्र एक प्रतिशत है जो देश के किसी भी हवाई अड्डे से काफी कम है। यहां टैक्स इसलिए कम किया गया है ताकि यात्रियों को इसका फायदा मिले। पटना एयरपोर्ट उड़ान योजना में नहीं है इसलिए वहां 29 प्रतिशत वैट लगता है। इसके बावजूद दरभंगा की तुलना में पटना से हवाई किराया कम है।
मंत्री ने कहा कि अगर विमान कंपनी दरभंगा से फ्लाइट की संख्या नहीं बढ़ाती है तो उसके एग्रीमेंट को रद्द कर अन्य विकल्प तलाशना होगा। उन्होंने इन्हीं मुद्दों से केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को अवगत कराया है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से हवाई टिकटों के अधिकतम मूल्य निर्धारित करने की भी मांग की है।
सांसद बोले- राज्य सरकार वैट कम करे
बता दें कि सांसद गोपालजी ठाकुर की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में आरो’प लगाया गया कि एयर टरबाइन फ्यूल पर राज्य सरकार अन्य राज्यों की अपेक्षा कितना अधिक वैट लगा रही है और इसे कब तक कम करेगी ताकि हवाई किराये में कमी हो सके। इसके अलावा उन्होंने पूछा है कि दरभंगा एयरपोर्ट के लिए प्रस्तावित 78 एकड़ जमीन अधिग्रहण में सरकार और कितना विलंब करेगी। यदि समय से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया संपन्न करके एयरपोर्ट अथॉरिटी को सौंप दी जाती तो विकसित एयरपोर्ट के रूप में जल्द ही दरभंगा एयरपोर्ट परिणत हो जाता और किसी एक एयरलाइंस की मनमानी नहीं चलती।
‘सबसे ज्यादा वैट वसूल रही बिहार सरकार’
उधर, सांसद ने मंत्री के बयान का खंडन करते हुए कहा है कि देश में अन्य राज्यों से यदि तुलना की जाए तो शायद सबसे अधिक वैट बिहार सरकार वसूलती है। गुजरात में लगभग पांच प्रतिशत, कर्नाटक में लगभग 12.5 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में लगभग पांच-10 प्रतिशत के बीच तथा कई राज्यों में तो और भी कम है। तो फिर बिहार में वैट 29 प्रतिशत क्यों लिया जाता है, जनता बिहार सरकार से यह जानना चाहती है।
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