नेपाल के तराई इलाकों और उत्तर बिहार में हुई लगातार बारिश से कोसी नदी ने रौद्रा रूप धारण कर लिया है। इससे सुपौल जिले में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं।
जिले के सदर प्रखंड के गोपालपुर, घूरण, तेलवा के अलावा किशनपुर प्रखंड के दुबियाही और मौजहा एवं मरौना के खोखनाहा में 150 से ज्यादा घर कटाव की चपेट में आकर नदी में विलीन हो चुके हैं। इससे लोगों में खौफ का माहौल है।
गांवों में कोसी नदी का पानी घुसने से दर्जनों परिवार विस्थापित हुए हैं। ये अब खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं। बीते तीन दिनों से कोसी का कहर जारी है।
बाढ़ और कटाव से प्रभावित इलाके के लोग ऊंचे स्थानों पर अपने बाल-बच्चों के साथ तिरपाल टांगकर किसी तरह रहने को विवश हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि कोसी नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव से कटाव का कहर तेज हो गया है। कई गांवों की सड़कों पर नदी की तेज धारा का बहाव हो रहा है। इससे आवागमन का संकट उत्पन्न हो गया है। पशुचारा से लेकर बच्चों को ठीक से खाना नहीं मिल पाने से कोसी पीड़ित परिवारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
जलसंसाधन विभाग के अनुसार बुधवार शाम 4 बजे कोसी बराज पर 2 लाख 30 हजार 750 क्यूसेक डिस्चार्ज किया गया। अधिकारियों के मुताबिक जलस्तर के घटने का सिलसिला जारी है।
आपदा प्रबंधन पदाधिकारी ने बताया कि प्रशासनिक स्तर पर राहत और बचाव का काम शुरु कर दिया गया है। चिन्हित स्थलों पर नावों का परिचालन भी शुरू करा दिया गया है। इसके लिए सभी सीओ को जरूरी निर्देश भी दिया गया है।
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