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श्रीरामचरित मानस की कथा समाज का दर्पण

समस्तीपुर जिले के खानपुर प्रखंड अंतर्गत शोभन पंचायत के महादेव स्थान में रामचरित मानस सत्संग गोष्ठी का आयोजनकिया गया. इसमें श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया.

कामेश्वर झा ने कहा कि श्रीरामचरित मानस की कथा समाज का दर्पण है. इस कथा में आदर्श नीति व सदाचार का संगम है. इसे आत्मसात करने से मनुष्य अनेक प्रकार की बुराइयों से बच सकता है.

रामचरित मानस से मनुष्य को सच्ची शिक्षा मिलती है. यदि उस शिक्षा को मनुष्य अपने जीवन में उतार ले तो परिवार और समाज में कभी विखंडन नहीं होगा एवं आपस में भाईचारा प्रगाढ़ होगा. बसंतपुर गांव निवासी वीरेन्द्र झा ने कहा कि तुलसी दास ने जीवन जीने की कला सिखायी है. मानस की चौपाई, दोहे, सोरठे सब महामंत्र हैं.

बाबा तुलसी कहते हैं कि बिन सत्संग विवेक न होइ, राम कथा बिनु सुलभ न सोइ. यानी जब तक राम की कृपा नहीं होगी तब तक कथा रूपी अमृत नहीं मिलेगा और बिना उसके विवेकवान बनना संभव नहीं है.

वे कहते हैं कि राम कथा के चार घाट हैं. पहला शिव-शिवा का, दूसरा काग भुसुंडि गरुण का, तीसरा भारद्वाज का और चौथा तुलसी का. राम कथा रूपी गंगा में जो स्नान करता है वह जीव पुण्य को प्राप्त करता है.

मौके पर राम विनोद झा, मनोज कुमार झा, सत्येन्द्र कुमार झा उर्फ गोविंद झा, बुलन महतो, राम विनोद झा, ताराकांत झा, कौशल महराज, अनिल झा, शंकर महतो, रविवराज झा, हर्षराज कुमार झा, राज नारायण झा, राम भजन झा, शिवशंकर चौधरी, प्रकाश झा आदि उपस्थित रहे.

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