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बिहार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की होगी पढ़ाई, आईसीएआर ने की गाइडलाइन जारी

भागलपुर : बिहार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई होगी। भागलपुर सबौर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के छात्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) इन एग्रीकल्चर वैल्यू एडेड कोर्स, मशीन लर्निंग और रोबोटिक्स की पढ़ाई करेंगे। कृषि स्नातक (बीएससी-एग्रीकल्चर) करने वाले विद्यार्थियों के लिए एडवांस विषयों की पढ़ाई का इंतजाम होगा। इसके लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर) दिल्ली ने भी कृषि विश्वविद्यालयों को विस्तृत गाइडलाइन जारी की है।

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निर्देश के मुताबिक सिलेबस में करीब 20 प्रतिशत तक का बदलाव करने का विकल्प दिया गया था। इसके तहत ही नए कोर्सों को जोड़ा गया है। बीएयू के पीआरओ डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि आईसीएआर के निर्देश के मुताबिक बीएयू के एकेडमिक काउंसिल ने सिलेबस में बदलाव के कई निर्णय लिए हैं। इसके तहत यूजी और पीजी में कई कोर्सों को जोड़ा गया था। फिलहाल बीएयू में बीएससी एग्रीकल्चर के नए सत्र (2024-28) से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन एग्रीकल्चर वैल्यू एडेड कोर्स, नेचुरल फार्मिंग को शामिल किया गया है। जबकि पीजी के नए (सत्र 2024-26) में एग्रीकल्चरल केमिकल एंड नीमेटोलॉजी, इथनोबॉटनी एंड सस्टेनेबल एग्रीकल्चर (दो क्रेडिट) कोर्स को शुरू करने की तैयारी है। नए सत्र में विद्यार्थियों को उक्त कोर्सों के लिए विकल्प दिया जाएगा।

कृषि क्षेत्र में एआई का इस्तेमाल काफी जरूरी बीएयू के एक वैज्ञानिक ने बताया कि कृषि के क्षेत्र में जिस तरह चुनौतियां बढ़ रही हैं, उसमें एआई का इस्तेमाल काफी जरूरी है। समय की मांग के हिसाब से विवि स्नातकों के लिए एआई की पढ़ाई महत्वपूर्ण कदम है। इसका प्रयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, अंतरक्षि विज्ञान, रक्षा, परिवहन समेत कृषि क्षेत्रों में होता है। इसे लेकर विद्यार्थियों को इसकी जानकारी काफी जरूरी है। स्नातक स्तर पर पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने के बाद विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा में भी काफी फायदा मिलेगा। इसी तरह पीजी स्तर पर नेचुरल फार्मिंग की पढ़ाई भी समय की मांग है। आने वाले समय में इसकी मांग बढ़ेगी।

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