लोकसभा चुनाव 2024: बिहार में लोकसभा 2024 की अबतक छह चरणों में 80 फीसदी सीटों पर चुनाव संपन्न हो चुका है। शेष 20 फीसदी सीटों पर मतदान 1 जून को है। लेकिन, इस बार के चुनाव में एक चीज़ जो देखने को मिली है वह यह है कि 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार अबतक मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी नहीं हुई है। लोगों में पिछली बार की तरह अधिक उत्साह नजर नहीं आ रहा है।
दरअसल, राज्य में 40 लोकसभा की सीटों में 32 सीटों पर चुनाव हो चुका है। अब आठ सीटों पर सातवें एवं अंतिम चरण का मतदान होना बाकी है।ऐसे में जिन 32 संसदीय क्षेत्रों में मतदान हो चुके हैं, वहां 2019 की तुलना में मतदान प्रतिशत कम दर्ज किया गया है। जबकि वर्ष 2019 में भी सात चरणों में चुनाव हुआ था और चरणवार सीटों का क्रम भी वही था, जो इस बार के चुनाव में है। इसके बाबजूद वोटरों में पिछली बार की तरफ अधिक उत्साह नजर नहीं आ रहा है।
पिछले चुनाव और इस दफे की चुनाव के मतदान प्रतिशत की तुलना करें तो हर जगह मतदान प्रतिशत कम होता ही नजर आता है। जहां पिछली बार यानी 2019 में पहले चरण में 53.60% मतदान हुआ था ओट इस बार महज 49.26% लोग ही अपने अधिकार का प्रयोग किए। उसी तरह दूसरे चरण में पिछली बार 62.93% तो इस बार 59.45% मतदान हुआ। जबकि तीसरा चरण में 2019 में 61.26% मतदान हुआ था और इस बार यह आकड़ा 59.14% है। इसके बाद चौथे चरण का मतदान प्रतिशत थोड़ा सही जरूर रहा लेकिन पिछले बार की तुलना में यह कम ही रहा। इस चरण में पिछली दफा 59.35% मतदान हुए थे और इस बार यह आकड़ा 58.21% रहा। उसके बाद पांचवां चरण में 2019 में 57.19% मतदान हुआ था और इस बार यह आकड़ा 56.76% है। जबकि छठा चरण में 2019 में 58. 47% मतदान हुआ था और इस बार 55.45% मतदान हुआ है।
वहीं कम वोटिंग पर्सेंटजे के मद्देनजर चुनाव आयोग ने सातवें एवं अंतिम चरण की आठ संसदीय सीटों पर मतदान प्रतिशत बढ़ाने के अंतिम प्रयास शुरू कर दिए हैं। इस चरण में नालंदा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम (सु), काराकाट एवं जहानाबाद सीटों के लिए मतदान होना है। इस चरण के मतदान को लेकर मतदाताओं को ऑटो वाहन से प्रचार, दृश्य एवं श्रव्य माध्यमों से प्रचार के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।
उधर, सभी संबंधित जिलों में बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) को घर-घर मतदाता पर्ची पहुंचाने के लिए निर्देश दिये गये हैं। मतदाता पर्ची न मिले तब भी बूथ पर मतदाताओं को आने के लिए प्रेरित किया जा रहा है ताकि वे अपने साथ आवश्यक पहचान के लिए 12 प्रकार के दस्तावेज लेकर मतदान के लिए आ सकें। इसके अलावा, मतदाताओं को डॉयल 1950 के माध्यम से अपना बूथ व क्रमांक की जानकारी लेने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।
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