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नवरात्र में टीचर ट्रेनिंग पर राजनीतिक घमासान; बीजेपी-जदयू आमने-सामने

पटना: बिहार में आगामी 16 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक शिक्षकों की आवासीय ट्रेनिंग पर राजनीतिक घमासान मच गया है। इस मुद्दे पर बीजेपी और जेडीयू आमने-सामने आ गए हैं। गया स्थित बिहार इंस्टिट्यूट ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन एंड रूरल डेवलपमेंट संस्था में शिक्षकों की आवासीय ट्रेनिंग हो रही है। बीजेपी ने नीतीश सरकार पर हिंदू धर्म को अपमानित करने का आरोप लगाया है तो जेडीयू ने उत्तर प्रदेश का उदाहरण देकर भाजपा पर पलटवार किया है।

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दरअसल, यह मामला दुर्गा पूजा के दौरान ट्रेनिंग को लेकर गर्म हो रहा है। 15 अक्टूबर से नवरात्र शुरू हो रहा है। शिक्षा विभाग में इसे लेकर छुट्टियां घोषित हैं। इस बीच एससीईआरटी ने गुरुवार को पत्र जारी कर 16 से 21 अक्टूबर के बीच ट्रेनिंग का शेड्यूल जारी कर दिया है।

भारतीय जनता पार्टी ने इसे हिंदू धर्म का अपमान बताया है। पार्टी  के नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि नीतीश कुमार अपने पहले की गलतियों से सीख नहीं ले रहे हैं। रक्षाबंधन के समय भी छुट्टियां रद्द की गई थी जिन्हें बाद में वापस लेना पड़ा। यह सरकार का गलत आदेश है जिसे वापस लेना पड़ेगा। उन्होंने इसे तुगलकी फरमान बताया है। दरअसल 2 महीने पहले बिहार में शिक्षा विभाग द्वारा रक्षाबंधन और अन्य हिंदू त्योहारों की छुट्टियां रद्द करने पर काफी बवाल हुआ। जब चौतरफा दबाव आने लगा तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हस्तक्षेप पर शिक्षा विभाग ने वापस ले लिया।

भाजपा ने आरोप लगाया है कि बिहार सरकार जान बूझकर हिंदू भावनाओं से खिलवाड़ करती है। यह केवल तुष्टिकरण की नीति है जिसे नीतीश कुमार छोड़ना नहीं चाहते। उन्होंने रक्षाबंधन की छुट्टी रद्द करने वाले प्रकरण से कोई सीख नहीं ली।

भाजपा नेता ने कहा है कि नवरात्र के दौरान हिंदू धर्म और हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ करने वाले इस आदेश को हम स्वीकार नहीं करेंगे । सरकार से हमारा आग्रह है कि नवरात्र, दिवाली और छठ पूजा के दौरान किसी तरह का ट्रेनिंग नहीं कराया जाए क्योंकि त्योहारों में लोग विशेष धार्मिक नियमों का पालन करते हुए अनुष्ठान करते हैं। यह एक तुगलकी फरमान है जिसे वापस लेना पड़ेगा। नीतीश कुमार कभी भी मुस्लिम त्योहार में छुट्टियां नहीं काटते लेकिन हिंदुओं का अपमान करते हैं।

बीजेपी के बयान पर जेडीयू ने भी पलटवार किया है। पार्टी के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि भाजपा जरा अपने उत्तर प्रदेश को देख ले जहां उनकी सरकार है। भाजपा सरकार ने दुर्गा पूजा में मात्र दो दिनों की छुट्टी दी है जबकि बिहार में तीन दिनों की छुट्टी दी गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा अवसर की तलाश में रहती है कि कैसे शिक्षकों को भड़काया जाए और उसका राजनीतिक लाभ उठाया जाए। बीजेपी को समझना चाहिए के नीतीश कुमार एक मात्र ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिनकी सरकार ने मंदिरों की सुरक्षा के लिए कोई भी कदम उठाया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सभी मामलों को धार्मिक चश्मे से नहीं देखती।

इस बीच कुछ शिक्षक संगठनों ने भी नवरात्रि के दौरान ट्रेनिंग का विरोध किया है। कहा गया है कि 15 अक्टूबर से दुर्गा पूजा शुरू हो रही है। बड़ी संख्या में शिक्षक उपवास में रहकर पूजा पाठ करते हैं। उन्हें आवासीय ट्रेनिंग में बहुत दिक्कत होगी।  इसमें बदलाव जरूरी है। टीईटी प्राइमरी टीचर एसोसिएशन  के नेता राजू सिंह ने कहा है कि अगस्त महीने में जातीय गणना के काम को पूरा करने के लिए आनन-फानन में इस ट्रेनिंग को स्थगित कर दिया गया था तो फिर त्योहारों के मौसम में इसकी क्या जरूरत पड़ गई।

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