पटना: राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि बिहार सरकार के जाति आधारित गणना के निर्णय को पटना उच्च न्यायालय द्वारा सही ठहराए जाना, गरीबों के हित में है और इससे समाज के सभी वर्गों को लाभ होगा. बिहार में जाति आधारित गणना को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं को खारिज करते हुए अदालत ने इसे पूरी तरह से वैध बताया।
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने अदालत के फैसले को स्वागत योग्य बताते हुए कहा, ‘यह सिर्फ एक फैसला नहीं है बल्कि गरीबों के पक्ष में निर्णय है। इससे गरीबों के रास्ते अब खुलेंगे. उनका सर्वेक्षण होने के बाद उनकी स्थिति का पता लगेगा कि उनकी आर्थिक स्थिति क्या है और उस आधार पर सरकार उनके लिए योजना बनाएगी और विकास के रास्ते खुलेंगे।अपने बेटे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव की मौजूगी में आरजेडी सुप्रीमों ने कहा, ‘हमलोग इसका स्वगात करते हैं तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने इसके लिए काफी मेहनत की.’
ईडी द्वारा कथित तौर पर रेलवे नौकरियों के लिए जमीन घोटाले के सिलसिले में उनके परिवार की छह करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त किए जाने के बारे में RJD सुप्रीमों से पूछे जाने पर तेजस्वी ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, ‘इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है. पहले जांच एजेंसियां 6000 करोड़ रुपये के बारे में बात कर रही थीं, फिर उन्होंने 600 करोड़ रुपये के बारे में बात करना शुरू कर दिया और अब उन्होंने अस्थायी रूप से छह करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है. इसलिए केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार और उसकी एजेंसियां पूरी तरह से बेनकाब हो गई हैं. लोग हमारे परिवार से संबंधित संपत्ति का विवरण आसानी से देख सकते हैं. सभी विवरण ऑनलाइन उपलब्ध हैं.’
ईडी ने सोमवार को कहा था कि उसने लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और संबंधित कंपनियों की छह करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त कर ली है जो उनके खिलाफ धन शोधन जांच का हिस्सा है. एजेंसी ने एक बयान में कहा था कि धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत पटना, गाजियाबाद में छह अचल संपत्ति और दक्षिण दिल्ली के पॉश न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में चार मंजिला बंगले को कुर्क करने के लिए एक अनंतिम आदेश जारी किया गया था.
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