भारत को मंदिरों को देश कहा जाता है। हर राज्य में आपको कई सारे प्राचीन मंदिर देखने को मिल जाएंगे। आज हम आपको बिहार के 10 ऐसे मंदिरो के बारे में बताने जा रहे है, जहां आपको एक बार जरुर जाना चाहिए।
श्री पटना साहिब मंदिर
राजधानी पटना में स्थित तख्त श्री पटना साहिब मंदिर सिख आस्था से जुड़ा यह एक ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल है। सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह का ये जन्मस्थान है। यह गुरुद्वारा महाराजा रंजीत सिंह द्वारा बनवाया गया है जो स्थापत्य कला का सुन्दर नमूना है।
महाबोधि मंदिर
बोधगया में स्थित महाबोधि मंदिर पूरे विश्व मशहूर है। महात्मा बुद्ध को बोधगया में ही ज्ञान प्राप्ति हुई थी। इसे आत्मज्ञान की भूमि भी कहते हैं। हर साल दुनिया भर से लाखों की संख्या में पर्यटक इस मंदिर में आते हैं।
जानकी मंदिर
सीतामढ़ी जिले में स्थित जानकी मंदिर माता सीता की जन्मस्थली है। हर साल नवरात्रि और राम नवमी त्योहारों के दौरान हजारों की संख्या में भक्त यहां आते हैं। यह मंदिर लगभग 100 साल पूराना है।
मंगला गौरी मंदिर
गया में स्थित मंगला गौरी मंदिर भारत के 18 शक्तिपीठों में से एक है। ऐसा मान्यता है कि यहां मां सती के शरीर का एक अंग गिरा था और इस स्थान को स्तनों के रुप में पूजा जाता है।
विष्णुपद मंदिर
गया में स्थित विष्णुपद मंदिर बिहार के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में भगवान विष्णु (धर्मशिला) के पैरों के निशान की पूजा होत है। पितृ पक्ष के दौरान देश-विदेश लोग यहां दिवंगत आत्माओं के “पिंड दान” नामक अंतिम अनुष्ठान को करने के लिए आते हैं।
महावीर मंदिर
राजधानी पटना स्थित महावीर मंदिर देश के अग्रणी अग्रणी हनुमान मन्दिरों में से एक है। मन्दिर में हनुमान जी की दो युग्म प्रतिमाएं हैं। यह मंदिर पटना जंक्शन से 100 मीटर की दूरी पर है। इस मंदिर में हर समय भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
पटन देवी मंदिर
राजधानी पटना में स्थित पटन देवी मंदिर को माँ पटनेश्वरी भी कहा जाता है। इस मंदिर को देवी उपासना का केंद्र माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु के ‘सुदर्शन चक्र’ से काटी गई देवी सती की ‘दाहिनी जांघ’ यहीं पर गिरी थी।
मिथिला शक्ति पीठ मंदिर
भारत-नेपाल सीमा पर स्थित मिथिला शक्ति पीठ मंदिर 52 पौराणिक शक्ति पीठों में से एक है। यहां देवी सती का बायां कंधा (वामा स्कंध) यहां गिरा था। हर साल लाखों की संख्या में भक्त यहां माता के दर्शन के लिए आते हैं।
जल मंदिर
नालंदा जिले के पावापुरी में स्थित जल मंदिर जैन समुदाय के सबसे प्रतिष्ठित तीर्थस्थलों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि भगवान महावीर ने यहांमोक्ष की प्राप्ति हुई थी। मंदिर में भगवान महावीर की चरण पादुका रखी गई है।
इन्द्रदमनेश्वर महादेव मंदिर
लखीसराय जिले में स्थित अशोकधाम मंदिर को इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। हर साल यहाँ लाखों शिव भक्त गंगा नदी में स्नान करने के बाद महादेव के दर्शन करते हैं। अशोक नामक के एक लड़के ने जमीन के नीचे विशालकाय शिवलिंगम की खोज की थी।
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