शिवहर के पूर्व सांसद और बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन के कभी भी जेल से रिहाई हो सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उन्हें परिहार पर रिहा करने की फाइल मुख्यमंत्री के पास पहुंच गई है। सीएम की स्वीकृति मिलते ही गृह विभाग की ओर से नोटिस कभी भी जारी की जा सकती है। गोपालगंज के जिलाधिकारी की ह’त्या के मामले में आनंद मोहन आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
पूर्व सांसद लवली आनंद के पति और शिवहर के विधायक चेतन आनंद के आनंद मोहन अभी पैरोल पर जेल से बाहर हैं। आनंद मोहन को सरकार द्वारा कारा नियमों में किए गए संशोधन का लाभ मिल सकता है। पिछले दिनों बिहार कैबिनेट की बैठक में परिहार कानून में बदलाव किया गया। संशोधन के अनुसार किसी सरकारी सेवक की ह’त्या को भी साधारण ह’त्या में शामिल कर दिया गया। जेल मैन्युअल में संशोधन पर बिहार कैबिनेट मुहर लगने के साथ ही आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ हो गया। दरअसल सरकारी सेवकों की हत्या के आरोपियों को परिहार का लाभ नहीं मिलता है। इस नियम में नीतीश सरकार ने बदलाव किया है।
आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णय्या की ह’त्या के आ’रोप में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। पहले उन्हें मुजफ्फरपुर कोर्ट द्वारा इस मामले में फां’सी दी गई थी। ऊपरी अदालत ने इसे आजीवन कारावास में बदल दिया। आनंद मोहन 14 साल की सजा काट चुके हैं। उनके अच्छे व्यवहार के कारण उन्हें परिहार पर रिहा किया जा सकता है। लेकिन डीएम की ह’त्या के आ’रोप की वजह से उन्हें इसका लाभ नहीं मिल रहा।
सोमवार को लेकर गृह विभाग कारा की बैठक हुई थी। अपर सचिव चैतन्य प्रसाद की की अध्यक्षता में आनंद मोहन को जेल से रिहा करने को लेकर विचार विमर्श किया गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब यह फाइल मुख्यमंत्री को भेज दिया गया है। इस मामले में मुख्यमंत्री के अंतिम आदेश का इंतजार है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री की स्वीकृति मिलने के बाद गृह विभाग कारा की ओर से इस मामले में अधिसूचना जारी की जाएगी और इसके साथ ही आनंद मोहन हमेशा हमेशा के लिए जेल से बाहर आ जाएंगे।
वर्ष 1994 में मुजफ्फरपुर के खबरा में एनएच 28 पर गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णया की ह’त्या कर दी गई थी। जिले के बाहुबली नेता छोटन शुक्ला की 1 दिन पहले ह’त्या कर दी गई थी। उनकी श’व यात्रा में आनंद मोहन शामिल थे। इसी बीच डीएम की कार भीड़ के बीच आ गई और उनकी ह’त्या कर दी गई। इस मामले में मुख्य अभियुक्त मानते हुए आनंद मोहन को पहले फां’सी की सजा सुनाई गई जिसे ऊपरी अदालत द्वारा उम्र कैद में बदल दिया गया।
आनंद मोहन के विधायक बेटे चेतन आनंद की शादी 3 मई को होने वाली है। 26 अप्रैल को उनकी सगाई है। इसे लेकर आनंद मोहन को पैरोल पर जेल से बाहर रहने की अनुमति दी गई है।
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