बिहार: अलग-अलग तबकों से भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की चर्चाओं के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी की हिंदुत्व की राजनीति पर तीखा हमला किया. सीएम नीतीश ने कहा कि हर धर्म और संप्रदाय के लोग यहां रहते हैं। अगर कोई भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहता है, तो वो उसे बर्बाद करना चाहता है। हमें सिर्फ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कही गई बातों का पालन करना चाहिए। दुर्भाग्य से उन्हें मार दिया गया था, लेकिन हम गांधीजी के रास्ते पर चल रहे हैं। सीएम नीतीश ने पटना में शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही।
बता दें, कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ दिनों पहले हिंदू आइडेंटिटी को हर भारतीय की सांस्कृतिक नागरिकता बताया था और भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ करार दिया था। उन्होंने कहा था कि ‘अखंड भारत’ का सपना आने वाले समय में साकार होने वाला है। चुनाव में लोग क्या करेंगे, बस इंतजार करो और देखो। इसके अलावा बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री भी अपनी हिंदू राष्ट्र बनाने की मुहिम को लेकर अभी चर्चा में हैं।
बीबीसी पर आईटी रेड को लेकर केंद्र पर भड़के नीतीश
नीतीश कुमार ने बीबीसी कार्यालय पर आईटी विभाग द्वारा की गई कार्रवाई के लिए केंद्र की बीजेपी सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर कार्रवाई होती है तो साफ हो जाएगा कि मोदी सरकार क्या चाहती है। हम देख रहे हैं कि वे (मोदी सरकार) क्या चाहते हैं, अगर (बीबीसी पर) कार्रवाई की जाती है तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि कोई उनके (मोदी सरकार) खिलाफ बोलेगा तो उन्हें परिणाम भुगतने होंगे। सीएम ने कहा कि जो लोग हमारे खिलाफ बोलना और लिखना चाहते हैं, वे ऐसा कर सकते हैं, क्योंकि आखिरकार फैसला जनता ही करती है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संसद में अलग-अलग मुद्दे उठाने वाले सांसदों की भी पैरवी की। उन्होंने कहा कि जब हम संसद में थे, तो हमें सुना गया था। जब हम सरकार में थे तब भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल विपक्ष की बात सुनते थे। संसद में प्रत्येक सदस्य और दल को किसी भी मुद्दे पर बोलने का अधिकार है। अगर मोदी सरकार अडानी विवाद को खारिज करती है, तो यह एक आंतरिक मामला होना चाहिए। उन्होंने अडानी मामले पर लोकसभा में जेपीसी के गठन की मांग का समर्थन किया। उन्होने कहा कि कोई भी सांसद अथवा विपक्ष कोई मांग उठाता है तो उस पर केंद्र सरकार को जरूर गौर करना चाहिए।
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