छपरा: वाराणसी से डिब्रूगढ़ की सबसे लंबी नदी जलयात्रा पर निकला गंगा विलास क्रूज सोमवार को शाम छह बजे पटना पहुंचा। क्रूज अभी बीच नदी में है। दिन में 11 बजे यह क्रूज सारण में था। इसके साथ चल रहे दो स्टीमरों में से एक के थोड़ी देर अटकने की बात कही जा रही है। आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की जा रही है। हालांकि यह नदी में सामान्य प्रक्रिया होती है। छोटे स्टीमर से ही क्रूज में सवार सैलानियों को सारण के चिरांद तट पर लाया गया।
स्विटजरलैंड के 27 व जर्मनी के पांच सैलानी जैसे ही चिरांद पहुंचे, वहां लोगों ने उनकी आरती उतारी। बैंड बाजों से स्वागत कर फूल-माला पहनाया। माथे पर तिलक लगाकर लोगों ने स्वागत किया तो चिरांद की धरती पर जय-जयकार के स्वर गूंजने लगे। गौरतलब है कि 13 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3200 किलोमीटर के लंबे सफर के लिए इस क्रूज को रवाना किया था। यह वाराणसी से चलकर बांग्लादेश के रास्ते असम के डिब्रूगढ़ जाएगा।
गंगा विलास के मुख्य पायलट मनोज कुमार ने बताया कि क्रूज पर फाइव स्टार होटल की तरह सभी सुविधाएं हैं। बनारस से खुलने के बाद उत्तरप्रदेश के गाजीपुर में क्रूज का पहला पड़ाव था। अगला पड़ाव बिहार के बक्सर में रहा। उसके बाद सारण का चिरांद तीसरा पड़ाव था। सैलानियों को यहां के पुरातात्विक स्थलों का भ्रमण कराया गया।
चिरांद इज वेरी हिस्टोरिकल प्लेस
ओ रियली, लवली… चिरांद इज वेरी हिस्टोरिकल प्लेस…। स्विट्जरलैंड की मारिया के मुंह से अनायास ये बातें निकल पड़ीं। सारण के चिरांद की धरती पर उतरते ही यहां की प्राकतिक खूबसूरती देख वह अचंभित थीं। अपने साथ के सैलानियों को इशारा करते हुए उन्होंने कहा- नाइस प्लेस, आई हैव रेड अबाउट दिस प्लेस, इट इज अ हिस्टोरिकल प्लेस…। सैलानी चिरांद के पुरातात्विक स्थलों का देखने के लिए पैदल निकले। विदेशी सैलानियों ने गांव वालों के साथ तस्वीरें भी लीं। इस दरम्यान स्थानीय लोग मोबाइल से इस पल को कैमरे में कैद करते नजर आए। सैलानियों ने चिरांद में लगी प्रदर्शनी के जरिये पुरातात्विक स्थलों को स्मृतियों में समेटा। जिला प्रशासन व पुरातत्व विभाग की ओर से चित्र प्रदर्शनी लगायी गयी थी।
छह बिहारी व छपरा के पायलट समेत 40 क्रू थे सवार
विदेशी सैलानियों को भारत की साझी संस्कृति देखने को मिल रही है। इस क्रूज में 40 क्रू हैं। इनमें छह बिहारी हैं। पश्चिम बंगाल, यूपी, ओडिशा व राजस्थान के भी क्रू हैं। विदेशी सैलानियों को स्थानीयता व संस्कृति की जानकारी देने के लिए संबंधित राज्यों के क्रू रखे गए हैं। गंगा विलास के पायलट मनोज छपरा के ही छोटा तेलपा के रहने वाले हैं। छपरा पहुंचने पर पायलट काफी खुश नजर आए। उन्होंने कहा कि अपने घर में विदेशी सैलानियों को लेकर आना किसी सपने के साकार होने से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी बहन की शादी चिरांद में ही हुई है।
क्रूज के फंसने की बात बेबुनियाद : पायलट
क्रूज के पायलट छपरा के तेलपा निवासी मनोज ने बताया कि क्रूज के फंसने की बात बेबुनियाद और अफवाह है। उन्होंने क्रूज के सफलतापूर्वक चिरांद पहुंचने से संबंधित वीडियो भी नोएडा मुख्यालय को भेज दिया है। भीड़ से बचाने व तट पर पानी कम रहने की वजह से क्रूज को घाट से दूर ही रखा गया था। गंगा विलास मुख्यधारा में था। तट के पास पानी कम रहता है, इसलिए सैलानियों को ले जाने के लिए स्टीमर का इस्तेमाल किया जाता है।
क्रूज फंसने की बात अफवाह : एडीएम
सारण एडीएम डॉ. गगन ने बताया कि क्रूज के फंसने की बात पूरी तरह से अफवाह है। इस बारे में सरकार के वरीय अधिकारियों को भी सूचना दे दी गयी है। नोडल पदाधिकारी की हैसियत से खुद वे मौजूद थे। इस बारे में पल-पल की जानकरी डीएम को भी दी जा रही थी। कहीं भी क्रूज फंसा नजर नहीं आया। एसडीआरएफ और रिवर पैट्रोलिंग टीम को सैलानियों की सुरक्षा के लिए लगाया गया है। क्रूज के मालिक राज सिंह ने बताया कि चूंकि तट पर लोगों की काफी भीड़ हो जाती है। इस वजह से अधिकतर जगहों पर सुरक्षा के मद्देनजर क्रूज को तट से दूर ही रखा जा रहा है। सारण में भी ऐसा ही हुआ।
क्रूज के लिए 1.4 मीटर पानी में गहराई की होती है जरूरत
एमवी गंगा विलास क्रूज को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए डिजाइन किया गया है। इसके मालिक राज सिंह ने बताया कि कोलकाता में डिजाइन इस क्रूज को चलाने के लिए 1.4 मीटर पानी में गहराई जरूरी है।
सोमवार को पटना की सैर करेंगे सैलानी
भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के निदेशक एलके रजक ने बताया कि क्रूज में सवार सैलानियों को पटना के ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थलों की मंगलवार को सैर कराई जाएगी। विदेशी सैलानियों को गोलघर, पटना म्यूजियम और तख्त श्री हरिमंदिर जी का भ्रमण कराया जाएगा। मंगलवार को ही गंगा विलास यहां से रवाना होगा।
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