पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान पर सियासी संग्राम जारी है। जिसमें अब बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी भी कूद गए हैं। सुशील मोदी ने सीएम नीतीश कुमार से तुरंत शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर ऐसे बयान देकर समाज में घृणा पैदा कर रहे हैं। उनके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा किया जाना चाहिए।
सुशील मोदी ने कहा कि यदि ऐसा ही बयान किसी दूसरे धर्मग्रंथ के लिए दिया गया होता, तो नीतीश कुमार क्या करते? सुशील मोदी ने कहा कि जिस ग्रंथ की सराहना फादर कामिल बुल्के जैसे कैथोलिक क्रिश्चियन ने की है। उसकी निंदा कर प्रो. चंद्रशेखर ने साबित कर दिया कि वह शिक्षा मंत्री बनने के योग्य नहीं हैं। इससे यह भी साबित होता है कि उन्हें इस पद पर बैठाने वाले नीतीश कुमार को सही व्यक्तियों की परख नहीं है। ऐसे शिक्षा मंत्री को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए।
सुशील मोदी की युवाओं से अपील
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने युवाओं से अपील की कि राष्ट्रीय जनता दल के ये मंदिक-विरोधी और रामचरित मानस के निंदक नेता जहाँ भी जाएं, उन्हें युवा काले झंडे दिखायें। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि आरजेडी के नेता वोट-बैंक की राजनीति में अंधे होकर श्री राम और तुलसीकृत श्रीराम चरित मानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताते हैं। जो मंत्री रामचरित मानस को जातिगत भेदभाव वाला ग्रंथ बताते हों ,उसकी पीएचडी की उपाधि भी संदेहास्पद लगती है।
लालू यादव पर भी साधा निशाना
सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद ने पहले लोहिया को पार्टी के बैनर-पोस्टर से बाहर किया। इसके बाद समाजवाद को परिवारवाद में बदला और अब वे उस रामायण-रामकथा और रामचरित मानस को भी लंछित करने वालों को पाल रहे हैं। जो सदियों से हिंदू समाज की प्रेरणा का स्रोत रहा है। सुशील मोदी ने कहा कि भारत में समाजवाद के पुरोधा डा. लोहिया ने कभी चित्रकूट में रामायण मेला आयोजित किया था। आधुनिक समय में श्रीराम के आदर्शों की प्रासंगिकता सिद्ध की थी। उन्होंने कहा कि जहां तक जातिगत भेदभाव की बात है तो रामायण से जुड़े सभी ग्रंथों में निषाद राज और माता शबरी की चर्चा पूरे आदर के साथ की गई है। श्रीराम ने न केवल शबरी के जूठे बेर खाए , बल्कि नवधा -भक्ति का उपदेश भी शबरी के माध्यम से ही संसार को दिया। आज मुसहर समाज शबरी की पूजा करता है।
क्या कहा था शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने
बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में कहा था कि एक युग में ‘मनुस्मृति’, दूसरे युग में ‘रामचरित मानस’ और तीसरे युग में गुरु गोलवलकर का ‘बंच ऑफ थॉट्स’, ग्रंथ नफरत बोने वाले हैं। ये हमारे देश और समाज को नफरत में बांटते हैं।
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