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बिहार की महिला कारीगरों से मिले ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त, तस्वीरें शेयर कर लिखा- मधुबनी कला दुनिया भर में अनमोल

बिहार की ग्रामीण महिला कारीगरों ने गुरुवार को भारत में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल को प्रभावित किया। फैरेल ने अपने ट्विटर पर कहा कि वह अपने पांच दिनों के भ्रमण के क्रम में सिक्किम और दार्जिलिंग के रास्ते बिहार पहुंचे। उन्होंने मधुबनी जिले के जितवारपुर गांव का दौरा किया और वहां के कलाकारों से मुलाकात की और उन सभी से चित्रकारी के विभिन्न पहलुओं को जाना।

australian high commissioner meets women artisans of bihar

यह गांव पेंटिंग की अपनी विशिष्ट शैली के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त ने मधुबनी पेंटिंग को बनते हुए देखा और इसमें उपयोग होने वाली सामग्रियों एवम औजारों के संबंध में विस्तृत जानकारी भी प्राप्त की। मधुबनी पेंटिंग एक लोक कला है जो अपनी सुंदरता और सादगी के लिए प्रसिद्ध है।

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मधुबनी के जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने फैरेल का स्वागत किया, जिन्हें उन्होंने एक क्रिकेट गेंद उपहार में दी। फैरेल ने ट्विटर पर जितवारपुर की यात्रा पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘‘यह गांव सात पद्मश्री पुरस्कार विजेताओं सहित सैकड़ों पुरस्कार विजेता कारीगरों का घर है और हम भाग्यशाली हैं कि हम उनमें से एक बउआ देवी जी से मिले। उनकी मधुबनी कला भारत और दुनिया भर में अनमोल है।”

मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘भारत के इस सबसे पुराने ग्रामीण कला के कुछ नमूनों को चुनने से अपने को रोक नहीं सका।” उनका अगला पड़ाव मुजफ्फरपुर के बाहरी इलाके भुसरा में शरफुद्दीनपुर था जिसे ‘‘सुजिनी” कढ़ाई के लिए जाना जाता है जिसने जीआई टैग अर्जित किया।

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