पटना: छठ महापर्व आने में अब कुछ दिन ही बचे हैं. ऐसे में प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी है. इस बार राजधानी में गंगा घाट पर छठ महापर्व के आयोजन को लेकर दबाव की स्थिति हो सकती है. बिहार में जारी बारिश से गंगा नदी का जलस्तर एक बार फिर से बढ़ने लगा है. बीते दो दिनों में गांधी और दीघा घाट पर जलस्तर में बढ़ोतरी देखी गई है.
गंगा में पानी बढ़ने के चलते बांस घाट, कुर्जी, एलसीटी सहित दीघा के कई घाटों के पास पाट क्षेत्र में पानी भर गया है. ऐसे में इतने कम समय में इन घाटों तक जाने के लिए रास्ता बनाना मुश्किल होगा. समय रहते अगर रास्ता निर्माण पूरा नहीं होता है, तो इन बढ़े घाटों पर छठ आयोजन को लेकर मुश्किल हो सकती है.
कम-से-कम 10 दिनों का समय चाहिए
छठ व्रतियों को गंगा घाट तक जाने के लिए रास्ते के निर्माण में कम-से-कम 10 दिनों का समय लगेगा. इससे पहले रास्ता निर्माण के लिए निविदा आदि की प्रक्रिया भी पूरी करनी होती हैं.
बता दें कि पिछली बार 2021 में पटना के 48 तालाब और 92 घाटों पर छठ महापर्व के आयोजन हुआ था. जबकि प्रशासन की ओर से इस बार 105 घाटों की सूची तैयारी की गयी है. अधिकारियों की टीम एक-दो दिनों में फाइनल निरीक्षण कर खतरनाक और सुरक्षित घाटों की सूची फाइनल करेगी.
छठ व्रतियों को बांस घाट तक जाने के लिए करीब 2.5 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है. इस बार कच्चे रास्ते के बीच में घाट तक जाने के लिए गंगा पथ का निर्माण हो चुका है. गंगा पथ को पार करने के लिए लोगों को अंडरपास का उपयोग करना होगा. मगर वर्तमान समय में पूरे रास्ते और अंडरपास में पानी भरा हुआ है. बता दें कि पिछली बार भी पानी भरने के कारण इस घाट पर छठ नहीं हो पाया था.
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