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बंगाल और झारखंड से भारी मात्रा में बिहार आ रहा महुआ, जानें क्या है राज

बिहार में पूर्ण श’राबबंदी कानून लागू है। इस कानून के आने के बाद पश्चिम बंगाल और झारखंड से भारी मात्रा में महुआ बिहार के कई इलाकों में पहुंच रहा है। महुआ खरीदने-बेचने में किसी भी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है। इसका फायदा देसी शराब बनाने वाले उठा रहे हैं।

बंगाल और झारखंड से भारी मात्रा में बिहार आ रहा महुआ, जानें क्या है राज

महुआ का उपयोग देसी श’राब बनाने के लिए किए जाने पर उत्पाद विभाग और स्थानीय थाना की पुलिस के द्वारा कार्रवाई करने का भी प्रावधान है। पर, कानून सख्त नहीं रहने की वजह से उत्पाद विभाग और स्थानीय थाना की पुलिस भी कार्रवाई करने से परहेज करते हैं।

बताया जाता है कि अभी भी ग्रामीण इलाकों में महुआ से बनी देसी शराब की काफी अधिक मांग है। यही वजह है कि पश्चिम बंगाल और झारखंड के सीमाई इलाकों के मार्फत ग्रामीण इलाकों में महुआ के क्षेत्र पहुंच रही है। महुआ का उपयोग देसी शराब बनाने के अलावा कई अन्य सामग्री को तैयार करने के लिए होता है। महुआ से कई अन्य तरह के आयुर्वेदिक दवाई भी तैयार होती है।

इस मामले में उत्पाद अधीक्षक दिनबंधु ने बताया कि महुआ की आवाजाही और उसकी खरीद बिक्री पर कोई विशेष नियम कानून नहीं है । यदि जांच पड़ताल के दौरान यह साबित हो जाता है कि महुआ का उपयोग देसी शराब बनाने के लिए किया जा रहा है तो फिर कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है ।

महुआ की सप्लाई पर पैनी निगाह उत्पाद विभाग की टीम के द्वारा रखी जाती है। खासकर ग्रामीण इलाकों में खरीद बिक्री करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। उन्होंने बताया कि बिहार में पूर्ण रूप से शराब बंदी कानून लागू है यदि कोई व्यक्ति महुआ का प्रयोग देसी शराब बनाने के लिए करता है तो उनके खिलाफ विभाग के धारा के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाती है।

विदेशी शराब बंद हो जाने के बाद महुआ से निर्मित देसी शराब की मांग काफी अधिक होती है। यही वजह है कि लोग चोरी छुपे कालाबाजारी कर देसी शराब का निर्माण कर रहे हैं। देसी शराब के निर्माण से जुड़ी सामग्रियों की बिक्री को लेकर भी समय-समय पर स्थानीय थाना की पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम के द्वारा कार्रवाई की जाती है। महुआ खाद्य पदार्थ में आने की वजह से इसके आवाजाही पर पुलिस अथवा उत्पाद विभाग की टीम के द्वारा रोक नहीं लगाई जाती है।

कानून सख्त नहीं

● महुआ खरीदने-बेचने में किसी भी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगायी गयी है

● उपयोग देसी शराब के निर्माण के लिए किया जाता है तो कार्रवाई के प्रावधान

आयुर्वेदिक दवाओं में होता है उपयोग

महुआ का उपयोग आयुर्वेदिक दवा बनाने के लिए भी होता है। गठिया, बवासीर की दवाई के रूप में महुआ के पतियों का भी इस्तेमाल होता है। महुआ का उपयोग सूजन, दस्त, बुखार में भी दवाई के तौर पर उपयोग किया जाता है। महुआ काफी लंबे समयतक सुखाकर स्टॉक कर रखते हैं और फिर ऊंचे दामों में बेचने का काम करते हैं।

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