झारखंड की राजधानी रांची में रविवार देर रात एक कोरोना संक्रमित की मौ’त हो गई। मृ’तक ओरमांझी के रहने वाले थे। हालत गंभीर होने पर उन्हें मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वे संक्रमित मिले थे। इलाज के क्रम में उनकी मौ’त हो गयी। रांची में महामारी की तीसरी लहर के बाद यह पहली मौ’त है।
इससे पहले 13 फरवरी को हुई थी मौत : बता दें कि रांची जिले में 141 दिन पहले कोरोना से मौत हुई थी। रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में 13 फरवरी को एक संक्रमित की जान गई थी। बता दें कि पांच दिन पहले जमशेदपुर में कोरोना संक्रमित की मौ’त हुई थी।
झारखंड में कोरोना के 344 मरीज : झारखंड में कोरोना के एक्टिव मामले लगातार बढ़ रहे हैं। सोमवार तक राज्यभर में कुल 344 सक्रिय संक्रमित मिले हैं। वर्तमान में 18 जिलों में कोरोना के एक्टिव मामले हैं। फिलहाल सिर्फ छह जिले ही कोरोना से मुक्त हैं। रांची समेत पूर्वी सिंहभूम, देवघर, हजारीबाग और बोकारो में तेजी से कोरोना के एक्टिव मामले बढ़ रहे हैं। एक सप्ताह पहले तक सिर्फ 12 जिलों में ही कोरोना के एक्टिव मामले थे। चिकित्सकों के अनुसार, कोरोना का यह वेरिएंट ज्यादा घातक नहीं है, पर लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।
बीसीजी लगाने वाले देशों में कोरोना 10 गुना कम
बीसीजी का टीका कोरोना को भी रोकने में कारगर है। एम्स के शोध के अनुसार जिन देशों में टीबी का रोग अधिक है। वहां बड़े पैमाने पर लगने वाले बीसीजी टीके से कोरोना के मामले अन्य देशों की तुलना में दस गुना कम हैं। एम्स के डॉक्टर तरुण कृष्ण बोपन्ना शोध के मुख्य लेखक हैं। वहीं एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया सह-लेखक हैं।
जमशेदपुर एनआईटी में 10 संक्रमित
एनआईटी जमशेदपुर में सोमवार को कोरोना विस्फो’ट हो गया। संस्थान के 10 विद्यार्थी एक साथ संक्रमित पाए गए हैं। इन सभी को कॉलेज कैंपस स्थित हॉस्टल में ही क्वारेंटाइन कर दिया गया है। सभी संक्रमित छात्रों को अलग-अलग कमरों में रखा गया है और उन्हें कोरोना प्रोटोकॉल का ख्याल रखते हुए कमरे में ही भोजन, दवा और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
इन 10 छात्रों के पॉजिटिव होने की पुष्टि तब हुई, जब संस्थान में एक छात्र के पॉजिटिव पाए जाने के बाद कॉलेज परिसर में सभी छात्रों की जांच कराई गई। जो छात्र पहले संक्रमित मिला था, उसे टाटा मुख्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी स्थिति स्थिर है। सोमवार को 10 छात्रों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद एनआईटी प्रशासन हरकत में आया और आनन-फानन में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए छात्रावास में रह रहे सभी छात्रों को अलग-अलग कमरे आवंटित कर दिए गए।
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