कोरोना की चौथी लहर की आशंका के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार जल्द ही दूसरी राज्यों से आने वाले लोगों का कोविड टेस्ट कराने जा रही है। टेस्टिंग की क्षमता को भी दो गुना बढ़ाने का फैसला लिया गया है। तापमान बढ़ने के साथ ही दिल्ली-यूपी सहित पड़ोसी राज्यों से भारी संख्या में पर्यटक उत्तराखंड की ओर रुख करते हैं।ऐसे में उत्तराखंड में भी कोरोना केस बढ़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। सरकार बॉर्डर पर ही पर्यटकों और यात्रियों की कोविड जांच शुरू कर सकती है। चूंकि, अगले महीने 03 मई से चारधाम यात्रा भी शुरू होने वाली है, ऐसे में कोविड संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कोरोना जांच अनिवार्य की जा रही है।
धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोरोना की संभावित लहर के दृष्टिगत अस्पतालों में सभी व्यवस्थाएं हों। अभी से इसका भी ध्यान रखा जाए कि मैनपावर की कोई कमी न हो। उन्होंने 12 से 14 वर्ष के आयु के बच्चों के टीकाकरण में गति में तेजी लाने व जन जागरूकता अभियान शुरू करने को भी कहा।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में चारधाम के अलावा जो-जो लोग भी बाहर से आएंगे, उन्हें टेस्टिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और उन सभी की टेस्टिंग भी की जाएगी। कहा कि उत्तराखंड में हालांकि चिंताजनक स्थिति नहीं है। अभी राज्य में कोरोना के 83 केस हैं। ये सभी व्यक्ति होम आइसोलेशन में हैं।अफसरों की बैठक में कोविड पर प्रभावी नियंत्रण के लिए नियमों का पालन कराने के सख्त निर्देश दिए हैं। कहा कि चारधाम रूट सहित सभी सरकारी अस्पतालों में जरूरी जीवनरक्षक दवाओं सहित जरूरी उपरकणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए ताकि किसी भी मरीज को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह ने कहा कि गुरुवार को वे स्कूलों में भी वैक्सीनेशन शुरू करने के बाबत बैठक करेंगे। इसके लिए अभिभावकों का भी परामर्श लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि चारधाम यात्रा के मद्देनजर पूरे रूट पर स्वास्थ्य केंद्रों में पुख्ता व्यवस्थाएं करने के निर्देश भी दिए हैं।
उत्तराखंड में पहली व दूसरी डोज लगभग शत-प्रतिशत लोगों को लग चुकी है। अब बूस्टर डोज के साथ ही 12 वर्ष से अधिक उम्र वालों के टीकाकरण पर विशेष फोकस किया जा रहा है। विभागीय अफसरों को अस्पतालों में सभी तैयारियां भी पूरी करने के निर्देश दिए।
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