उत्तराखंड: सितारगंज। बच्चों के बस्ते का वजन लगातार बढ़ाने के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता हेम बुधलाकोटी ने एसडीएम से लेकर सीएम और पीएम को ज्ञापन भेजा है। उन्होंने कहा कि स्कूल बच्चों पर किताबों का बोझ बढ़ा रहे हैं। बस्ते का वजन तय मानक से दो से तीन गुना हो गया है।
इससे बच्चों की कमर और कंधे का दर्द, रीढ़ की हड्डी में झुकाव, पैरों की मांस पेशियों में खिंचाव के साथ चिड़चिड़ापन और हाइट कम रहने की समस्या सामने आ रही है। हेम ने स्कूल बैग का वजन कम करने की गुहार लगाई है। कहा कि कक्षा 7 से कक्षा 9 तक बस्ते का वजन पांच किग्रा होना चाहिए, लेकिन यह वजन दोगुने से भी ज्यादा होता है। उन्होंने बच्चों के बैग का नियमित वजन करवाने की मांग की। उन्होंने सुझाव दिया है कि रोजाना पीरियड कम कर पीरियड का समय बढ़ाकर वजन कम किया जा सकता है।
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