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भागलपुर : फु’टा आक्रो’श, क्या बच सकती थी लोगों की जा’न? पुलिस की कार्यशैली पर सवाल….

भागलपुर में शनिवार और रविवार को साहेबगंज इलाके में चार लोगों की सं’दिग्ध मौ’त के बाद हं’गामा और सड़क जा’म के बीच स्थानीय लोगों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए गं’भीर आरो’प लगाए।

स्थानीय लोगों का आ’रोप है कि उस इलाके में दे’सी और विदे’शी श’राब की खे’प आने की सूचना 13 मार्च को ही पुलिस को दी गई थी पर तीन थानों की पुलिस एक-दूसरे का क्षेत्र बताकर टालम’टोल करती रही।

स्थानीय युवक कुमार गौरव  द्वारा बताया गया कि 13 मार्च को ललमटिया, नाथनगर और विश्वविद्यालय थानेदार को कॉल कर उसने बताया था कि शरा’ब की खे’प साहेबगंज और आसपास के इलाके में पहुंची है। उसका आ’रोप है कि तीनों थानेदारों ने उस इलाके को अपना क्षेत्र बताने से इन’कार कर टाल’मटोल कर दिया। उसका यह भी आ’रोप है कि एक वरीय अधिकारी को भी उसने कई बार कॉल किया पर उन्होंने भी कॉल नहीं उठाया।

लोगों की संदि’ग्ध मौ’त के बाद आक्रो’शित लोगों का कहना था कि 13 मार्च को शरा’ब की खे’प आने की सूचना के बाद पुलिस सक्रिय होती और छा’पेमारी कर उस इलाके से शरा’ब ज’ब्त कर लेती तो इतनी बड़ी घट’ना नहीं होती।

हालांकि साहेबगंज में चार लोगों की मौ’त हुई, जिनमें विनोद राय और मिथुन के परिजन और उसके दोस्त ही यह स्वीकार कर रहे हैं कि उन दानों ने होली के दिन श’राब पी थी। सूचना के बाद भी श’राब को लेकर तीन थानों की पुलिस द्वारा टालम’टोल कर कार्र’वाई नहीं करने की बात पर एसएसपी ने कहा कि वे इस मामले की जांच करायेंगे और किसी पुलिस पदाधिकारी की लापर’वाही इसमें सामने आएगी तो कार्र’वाई भी होगी।

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