सीतामढ़ी : जिले के पुपरी अनुमंडल के गढ़ा जोगिया गांव से हाई प्रोफाइल चोर को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की पुलिस टीम ने पकड़ लिया है। चोर का नाम है इरफान। इरफान के चोरी करने के अंदाज, तरीके और उसके ठाठ-बाठ जान आप दंग हो जाएंगे।
हाई प्रोफाइल चोर इरफान को गिरफ्तार करने के बाद यूपी और स्थानीय पुलिस उसके घर पहुंची, जहां उसके ठाठ-बाठ को देखकर सभी दंग रह गये। इधर, गांव के लोगों को भी जब यह पता चला कि इरफान चोर है तो वे भी दंग रह गये।
आपको इस चोर के कारनामे फिल्म अभिनेता रितिक रौशन की सुपरहिट फिल्म धूम 2 यादें ताजा करा देंगे। इसमें बताया गया है कि शातिर चोर किस तरीके से चोरी की वारदातों को अंजाम देने के बाद उससे मिले पैसों से ऐश करता था। रितिक रौशन की रील लाइफ की स्टोरी को सीतामढ़ी के इरफान ने रियल लाइफ में अपनाया।
उसने इतने शातिराना तरीके से जुर्म की वारदातों को अंजाम दिया कि पुलिस भी दंग रह गई। गाजियाबाद में पुलिस के हत्थे चढ़ा शातिर चोर इरफान उर्फ उजाले को शुरू से ही हाई प्रोफाईल लाईफ जीने की तमन्ना थी, जिसको लेकर वह अक्सर ख्वाबों की दुनिया में डूबा रहता था। इसी शौक को पूरा करने के लिये उसने अपना घर छोड़ा और परदेश चला गया। वर्षों बाद जब घर वापस लौटा तो उसके लाईफ स्टाईल ही बदल चुकी थी। उसकी लाइफ पूरे शानो शौकत वाली थी। महंगी गाड़ियों पर चढ़ना और बात-बात पर अपने दोस्तों को पार्टी देना उसके रोजमर्रा मे शामिल हो गया था।
इरफान का परिवार या फिर उसके माता-पिता दोनों मजदूरी करते थे। लेकिन, उसके बदले तेवर से लोग भी दंग थे कि आखिरकार इरफान को इतनी दौलत आयी कहां से। इरफान गांव के लोगों पर पैसे लुटाता था। इस कारण दर्जनों नवयुवक लड़के उसके आगे-पीछे घूमा करते थे। आसपास के इलाकों में कहीं आकेस्ट्रा होता तो इरफान बार बालाओं पर लाखों रुपये लूटा देता था।
इधर, दिनों दिन इरफान की महत्वाकांक्षा बढ़ने लगी और समाज में बढ़ते रसूख को और ज्यादा तल्ख करने के लिये उसने अपनी बीबी को चुनाव में प्रत्याशी भी बना दिया। पत्नी गुलशन परवीन को जिला परिषद क्षेत्र संख्या 34 से प्रत्याशी बनाकर चुनाव प्रचार में उसने लाखों रुपये खर्च किये। उसकी मंशा थी कि पत्नी को चुनाव जीताकर जिला परिषद का अध्यक्ष बनाया जाए।
चर्चा यह भी है कि जिला परिषद में अपनी पत्नी को जीत दिलाने के लिये वह गांव के लोगों में दान पुण्य का काम भी करता था। चोरी के कमाये पैसो से उसने गांव की कई सड़कों का भी निर्माण करा दिया। इतना ही नहीं गांव में किसी गरीब के मरने या फिर किसी के बेटी की शादी मे वह आर्थिक रुप से मदद भी करता था।
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