बिहार के मुंगेर में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा पर सियासत जारी है। सोमवार रात देवी दुर्गा की मूर्ति विर्सजन को लेकर झड़प के दौरान कथित तौर पर हुई पुलिस की गोलीबारी में एक युवक की हुई मौत पर बवाल इस कदर बढ़ा कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय सहित शहर में अन्य स्थानों पर जमकर तोड़फोड़ की गई और वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। मुंगेर में फायरिंग की घटना को शिवसेना ने हिन्दुत्व पर हमला बताया है। संजय राउत ने बिहार के राज्यपाल और भाजपा नेताओं से पूछा है कि वे लोग क्यों नहीं सवाल उठा रहे हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, शिसेना नेता संजय राउत ने कहा, मुंगेर गोलीबारी की घटना हिंदुत्व पर हमला है। अगर ऐसी घटना महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल या राजस्थान में होती, तो राज्यपाल और भाजपा नेता राष्ट्रपति शासन की मांग करते। तो फिर बिहार के राज्यपाल और भाजपा नेता सवाल क्यों नहीं उठा रहे हैं?।
बता दें कि मुंगेर की घटना के बाद निर्वाचन आयोग ने मुंगेर के जिलाधिकारी राजेश मीणा और पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह को तत्काल हटाने का आदेश दिया है और मगध प्रमंडल के आयुक्त असंगबा चुबा एओ को पूरे मामले की जांच करने के लिये कहा है। अपर निर्वाचन अधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि मौजूदा स्थिति के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने इन दोनों अधिकारियों को तत्काल हटाने का आदेश दिया है। उन्होंने बताया कि आयोग ने मगध प्रमंडल के आयुक्त असंगबा चुबा एओ को पूरी घटना की जांच कर अगले सात दिनों में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
मुंगेर हिंसा पर CISF रिपोर्ट, पुलिस फायरिंग में गई थी युवक की जान
क्या हुआ था उस दिन
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के एक दिन पहले मुंगेर जिले के कोतवाली थाना अंतर्गत दीनदयाल उपाध्याय चौक पर सोमवार देर रात देवी दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई गोलीबारी और पथरा’व में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और दो दर्जन से अधिक लोग घाय’ल हो गए थे। स्थानी’य लोगों का आरोप है कि पुलिस द्वारा की गयी गोली’बारी में 20 साल के युवक की मौत हो गयी थी। इस बारे में मुंगेर के जिला’धिकारी राजेश मीणा ने कहा था कि वह भीड़ के बीच से किसी के द्वारा चलाई गई गोली से मारा गया था।
पुलिस अधी’क्षक लिपि सिंह ने कहा था, ‘कुछ असामा’जिक तत्वों ने दुर्गा पूजा विस’र्जन के दौरान पथराव किया, जिसमें 20 जवान घायल हो गए। भीड़ की तरफ से गोलीबा’री भी की गई जिसमें दुर्भा’ग्य से एक व्यक्ति की मौत हो गई।’ घटना के एक कथित वीडियो में सुरक्षा’कर्मियों को विसर्ज’न जुलूस में लोगों के एक समूह पर लाठी’चार्ज करते दिखाया गया था। साथ ही सोशल मीडिया पर एक वि’चलित करने वाली तस्वीर वा’यरल हुई थी, जिसमें इस घटना में कथित तौर पर पुलिस की गोली’बारी में मारे गए व्यक्ति को उसकी खोपड़ी के खुले हिस्से के साथ जमी’न पर पड़ा दिखाया गया था।
मुंगेर घटना पर सीआईएसएफ की रिपोर्ट में क्या आया
मुंगेर में दुर्गा प्रतिमा विस’र्जन के दौरान हुई हिंसा पर सीआईएसएफ रिपो’र्ट में कई खुलासे हुए हैं। इनमें पूरे मामले को सम्भालने के दौरान पुलिस से हुई भारी चूक की ओर इशा’रा किया गया है। यह भी साफ हुआ है कि उपद्रव के दौरान युव’क की मौत पुलिस की फाय’रिंग से हुई थी। गौर’तलब है कि इस मामले में पूर्व एसपी लिपि सिंह ने दावा किया था कि उपद्र’व कर रहे लोगों की ही गोली से युव’क की जान गई थी।
सीआईएसएफ की रिपोर्ट के मु’ताबिक 26 अक्तूबर की रात 11:20 बजे CISF के 20 जवा’नों की टुकड़ी मूर्ति विस’र्जन के दौरान सुरक्षा ड्यूटी के लिए जिला स्कूल स्थित कैंप से गई थी। बिहार पुलिस के मार्गद’र्शन में इन 20 जवा:नों को 10-10 की दो टुकड़ी में बांट दिया गया। एक टुकड़ी को एसएसबी और बिहार पुलिस के जवानों के साथ दीनद’याल उपा’ध्याय चौक पर तैनात किया गया था। रात 11:45 बजे श्रद्धा’लुओं और स्था’नीय पुलिस के बीच विवाद होने लगा। देखते ही देखते माहौ’ल काफी गर्म हो गया। वहां पुलिस और सुरक्षा’बलों पर पथरा’व होने लगा। इसके बाद पुलिस ने हवाई फा’यरिंग की। इस पर भीड़ और भड़’क गई और तेजी से पत्थर’बाजी करने लगी। ‘
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