बिहार में धूमधाम से मनाये जाने वाले महापर्व छठ पूजा में इस बार लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। राजधानी पटना में गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर चल रहा है।
छठ पूजा से कुछ दिन पहले तक अगर यही हाल रहा तो पटना में लोगों को तालाबों में ही छठ मनाना पड़ सकता है। पटना के गांधी घाट पर नदी का जलस्तर रेडमार्क से ऊपर चल रहा है। ऐसे में हर साल की तरह इस बार घाटों पर छठ पूजा संभव हो पाने पर भी सवालिया निशान लग गया है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि गंगा के जलस्तर में अबतक कोई कमी दर्ज नहीं की गयी। इसके विपरीत नदी का जलस्तर उफान पर है। उफान के चलते नदी के किनारे घाटों कि सीढियों पर अभी भी पानी भरा हुआ है। ऐसे में अगर यही हालत बने रहे तो शहर के लोगों को छठ घाटों पर नहीं तालाबों और पोखरों में मानना पड़ेगा।
गंगा का जलस्तर बढ़ने का असर पूरे सूबे पर पड़ेगा। गंगा और गंगा की सहायक नदियों में पानी उफान पर चल रहा है। नदियों के उफान में चलने का एक कारण बीते दिनों सूबे के अलग अलग हिस्सों में हुई बारिश को मन जा रहा है। अगर यही हालत बने रहे तो इस बार लोगों को नदी के किनारे छठ मनाने से रोका भी जा सकता है।
बाढ़ प्रबंधन से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। प्रयागराज और वाराणसी में नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है और इसका सीधा असर सूबे पर पड़ रहा है। पटना समेत राज्य के कई हिस्सों में गंगा और गंगा की सहायक नदियां उफान पर हैं। छठ के अवसर पर घाटों की साफ सफाई की जा रही है। बारिश के थमने के बाद अब उम्मीद जताई जा रही है कि सूबे की नदियों का जलस्तर नीचे आएगा।
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