सावन के पवित्र महीने में पूरा सुल्तानगंज मेला क्षेत्र केसरिया रंग से पट गया है. लाखों की संख्या में श्रद्धालु सुल्तानगंज स्थित गंगा घाट से गंगाजल लेकर देवघर स्थित बाबा भोलेनाथ का दर्शन करने जा रहे हैं.
तीन भाई माता-पिता को कांवड़ में बिठाकर अपने कंधों पर लेकर तीर्थ कराने का संकल्प लेकर बाबा वैद्यनाथ धाम जा रहे हैं. तीनों भाइयों को देखकर हर किसी का सिर श्रद्धा से झुक जा रहा है.
पूर्णिया जिला के नया टोला रिकाबगंज के 3 भाई अपनी 82 वर्षीय मां मीरा देवी और 85 वर्षीय पिता नाथू यादव को कांवड़ में बिठाकर सुल्तानगंज से पैदल देवघर रवाना हुए हैं.
तीनों भाइयों के सहयोग के लिए इनके बहनोई और साथ में परिवार के लोग भी चल रहे हैं. इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए कांवड़िया पथ पर कांवड़ियों की भीड़ लगी रहती है. चारों तरफ आज के इन श्रवण कुमार की चर्चा हो रही है.
तीनों भाइयों ने बताया कि माता पिता के आशीर्वाद से उनमें कभी वैचारिक मतभेद नहीं हुआ है. वे लोग यह संदेश देना चाहते हैं कि सबसे धनी व्यक्ति वही है, जिनपर माता-पिता का आशीर्वाद हो.
पिछले दिनों भी ऐसे ही एक श्रवण कुमार सुल्तानगंज से देवघर अपने पिता और माता को कांवड़ में बिठाकर रवाना हुए थे. उनकी चर्चा हर तरफ हुई थी.
इस बार सावन के महीने में देवघर जा रहे कांवड़ियों का यह रूप उन लोगों को राह दिखाने का काम कर रहा है, जो लोग अपने माता-पिता को बोझ समझ कर उन्हें घर में छोड़ देते हैं या फिर उन्हें वृद्धाश्रम पहुंचा देते हैं.
Be First to Comment