सीतामढ़ी जिले के रीगा प्रखंड में बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए यूनिसेफ और बिहार सरकार की संस्था सेव द चिल्ड्रेन की ओर से अनूठी पहल की जा रही है। इस पहल के तहत बच्चों को कार्टून और खिलौनों के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है।
स्कूलों में दीवारों पर कार्टून और टीवी के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है। इस पहल का यहां के बच्चों पर भी सकारात्मक प्रभाव देखा जा रहा है। बच्चे खेल-खेल में काफी कुछ सीख जा रहे हैं। वे पढ़ाईके प्रति आकर्षित भी हैं। समाज में इसकी काफी सराहना भी की जा रही है।
ज़िले रिगा प्रखंड के सभी 16 स्कूलों में इस अनूठी पहल को शरू किया गया है। जहां इन स्कूलों में वच्चो को पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ाने को लेकर ,दीवारों पर वर्ण माला प्रदर्शित कर और टीवी के माध्यम से पढ़ाई के साथ -साथ मनोरंजन की काटून प्रदर्शित कर खेल -खेल में पठान पाठन किया जा रहा है।
इससे न केवल स्कूली बच्चे आकर्षित हो रहे हैं, बल्कि अभिभावकों को भी जागरूक किया जा रहा है। बाराही मिडिल स्कुल में इसके लिए संसाधन केंद्र बनाया गया है। यहां पर स्कूली बच्चो को ई -लर्निग के तर्ज पर शिक्षा दी जा रही है। इस अनूठी पहल से वच्चो में सीखने की ललक जागृत हो रही है।
इतना ही नहीं, छोटी से लेकर बड़ी कक्षाओं के छात्रों केलिए यहां पर चलंत लाइब्रेरी की भी व्यवस्था की गयी है। इसमें बच्चों के सिलेबस की सारी किताबें रखी गयी हैं। ये चलंत लाइब्रेरी स्कूल के पोषक क्षेत्र में भ्रमण करती है।
जरूरतमंत बच्चों को इक्कठा कर सार्वजनिक स्थल या किसी अभिभावक के दरवाजे पर बच्चों को बैठकर पढ़ाया जाता है। यहां पर बच्चे कोर्स की किताबें, रोचक कहानियां और नैतिक शिक्षा से जुड़ी किताबें में रुचि भी ले रहे हैं। फायदा यह कि इसके एवज में उन्हें कोई भुगतान भी नहीं करना पड़ता है।
शिक्षा की इस अच्छी पहल के मामले पर पूछे जाने पर सेव द चिल्ड्रन के प्रदेश प्रभारी गजरा साइन ने बताया की कोविड 19 के समय बच्चे की पढ़ाई बंद हो गयी थी। इस बीमारी ने कितने ही अभिभकों की नौकरी छीन ली है। ऐसे बच्चों को पढ़ाई के जागरूक बनाने के लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है।
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