वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए राष्ट्रीय हरित अधि’करण (एनजीटी) के निर्देश पर पटना समेत बिहार के तीन जिलों में पटाखों के कारोबार और इस्ते’माल पर पूरी तरह प्रतिबंध के बावजूद स्था’नीय प्रशासन इसपर अंकुश लगा’ने में नाकाम रहा।
एनजीटी के निर्देश पर देर से सक्रिय हुए पटना जिला प्रशा’सन ने शुक्रवार शाम को सभी थानाध्यक्षों को पटाखों की बिक्री और इस्ते’माल पर रोक लगाने का आदेश जारी किया लेकिन इससे पहले ही पटना में पटाखों की दुकानें सज चुकी थी और खूब बिक्री भी हुई। जिलाधि’कारी कुमार रवि ने जनहित में आम नाग’रिकों से पटा’खों की बिक्री और इस्ते’माल नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि मानव स्वास्थ्य की सुर’क्षा और वायु की गुण’वत्ता के लिए यह जरूरी है।
पुलिस की ओर से आदे’श का सख्ती से पालन नहीं कराए जाने के कारण आज शाम ढलते ही आति’शबाजी शुरू हो गई, जो रात तक जारी रही। यही हाल गया और मुजफ्फ’रपुर में भी देखने को मिला। पुलिस पटाखा छोड़ने वालों पर भी कोई कार्रवा’ई नहीं की और मूकदर्श’क बनी रही।
गौरतलब है कि एनजीटी ने देश के उन 122 शहरों में पटा’खों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबं’ध का आदेश जारी किया था, जहां नवंबर 2019 में वायु की गुणव’त्ता खराब या विषैली श्रेणी में पाई गई थी। इनमें बिहार का पटना, गया और मुजफ्’फरपुर जिला शामिल है।
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