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#MUZAFFARPUR निगम कर्मियों का वेतन कटौ’ती सम्बन्धी माँ’गों के सम’र्थन में एकदिवसीय ध’रना   

MUZAFFARPUR (ARUN KUMAR) : मुजफ्फरपुर नगर निगम कार्यालय परिसर में आज मंगलवार को राजस्व निरीक्षक, सफाईकर्मियों के वेतन/ग्रेड पे में वृद्धि सहित अन्य संवर्गों के कर्मियों के वेतन से की गई कटौ’ती स्थ’गित करने सम्बन्धी माँ’गो के सम’र्थन में संरक्षक विजय कुमार और नगर निगम कर्मचारी संघ के मंत्री सत्येंद्र प्रसाद सिंह की देख-रेख में सम्बंधित कर्मचारियों द्वारा अपने पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय ध’रना कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

कर्मचारियों ने अपनी मां’गों की पूर्ति के सम’र्थन में जमकर ना’रेबाजी की. निगम प्रशासन द्वारा कर्मियों की अनदे’खी किये जाने को लेकर  नगर निगम कर्मचारियों में भारी रो’ष उत्पन्न था. संघ द्वारा निगम प्रशासन को चेता’वनी दी गई थी की यदि कर्मचारियों को वाजिब मां’गों की पूर्ति एक सप्ताह के अंदर नहीं किये जाने की स्थिति में अन्य आं’दोलन तक का’र्रवाई की जाएगी, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेवारी निगम प्रशासन की होगी. इस मौके पर कर संग्रहकर्ता संघ के अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह, सचिव हरिशंकर यादव, नगर निगम कर्मचारी संघ के मंत्री सत्येंद्र प्रसाद सिंह समेत सभी निगमकर्मी उपस्थित थे.

बता दें की 18 अगस्त को नगर आयुक्त को पत्र देकर नगर विकास एवं आवास विभाग के पत्र का हवा’ला देते हुए कहा था की 5200-20200+1800 कर दिया गया यह कह कर की सरकार द्वारा वेतनमान बन कर आया है. उस आधार पर वेतन घ’टा कर भुग’तान किया जा रहा है, लेकिन इसकी किसी प्रकार की सूचना कर्मियों को नहीं दी गई है, न ही सशक्त स्थायी समिति/निगम बोर्ड में रखा गया है, जबकि निकाय स्वशासी संगठन है. कर संग्रहकर्ता एवं टैक्स दारोगा का पद समाप्त कर दिया.

वहीं राजस्व निरीक्षक का पदनाम करते हुए 5000 होल्डिंग पर एक राजस्व निरीक्षक का पद स्वीकृत है.  पत्र में कहा गया है की इस कार्यालय के स्थापना शाखा, लेखा शाखा में अराज’कता का माहौल है की आपके (नगर आयुक्त) के पास सही बात कहने के लिए कोई तैयार नहीं है. जब सरकार द्वारा 2019 में ही कर संग्रहकर्ता, टैक्स दा’रोगा का पद उत्क्र’मित कर राजस्व निरीक्षक किया एवं वेतनमान निर्धारण किया तो किस स्थिति में लागू क्यों नहीं किया गया? हमलोगो को आर्थिक व मान’सिक रूप से प्रता’ड़ित किया जा रहा है. पत्र में कहा गया था की सरकार के आदेश के आलोक में न्या’य नहीं मिलता है तो हमलोग बा’ध्य होकर न्याया’लय के शरण में जाने को बाध्य होंगे.

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