पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से नियुक्त शिक्षकों के आने के बाद राज्य के सरकारी स्कूलों में बड़ा बदलाव आया है। स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति और सुधर गई है। 22 नवंबर से नए शिक्षकों ने स्कूलों में योगदान देना शुरू किया है। अब तक 97 हजार शिक्षक योगदान कर चुके हैं। विभिन्न जिलों से शिक्षा विभाग को मिली रिपोर्ट बताती है कि बच्चों की उपस्थिति इन दिनों पहले की तुलना में काफी बेहतर हुई है।
प्रारंभिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक स्कूलों (कक्षा एक से 12) में दिसंबर महीने में मात्र एक प्रतिशत ही ऐसे स्कूल रहे हैं, जहां पर बच्चों की उपस्थिति आधे से कम हुई है। एक से 6 दिसंबर की रिपोर्ट बताती है कि बिहार के 99 फीसदी स्कूलों में बच्चों की उपस्धिति 50 प्रतिशत से ज्यादा रही। इनमें 50 से 75 प्रतिशत तक बच्चों की उपस्थिति वाले स्कूलों की संख्या इस दौरान 74 प्रतिशत के आसपास रही। शेष स्कूलों में 75 प्रतिशत से भी अधिक उपस्थिति बच्चों की रही है।
मालूम हो कि एक जुलाई से हर दिन स्कूलों में शिक्षा पदाधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा भौतिक निरीक्षण किया जाता है। इसमें सबसे अहम जांच यह होती है कि स्कूलों में शिक्षकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति कैसी रही है। प्रतिदिन होने वाले निरीक्षण के बाद उपस्थिति में काफी सुधार आया है। निरीक्षण के पहले की स्थिति यह थी कि 55-60 प्रतिशत स्कूलों में आधे से कम बच्चे उपस्थित होते थे।
निरीक्षण के बाद निरंतर इसमें सुधार आया है। इस बीच नए शिक्षकों के आने से उपस्थिति और सुधरी है। हर दिन राज्य के 35 हजार से 40 हजार स्कूलों का निरीक्षण होता है। इसमें 90 प्रतिशत प्रारंभिक और दस प्रतिशत माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूल शामिल रहते हैं। स्कूलों के निरीक्षण की रिपोर्ट जिलों के माध्यम से विभाग को उपलब्ध कराया जाता है।
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