भागलपुर: भागलपुर में पहली बार सिल्क का शॉल तैयार होगा। शॉल तैयार करने में मलबरी स्पंज, मटका, घिज्जा और खेवा (कोकून से बना) धागे का इस्तेमाल किया जाएगा। यह काफी टिकाऊ होगा और कम-से-कम पांच साल तक शॉल की लाइफ होगी। सिल्क शॉल आम शॉल की तुलना में कुछ महंगा होगा। इस कारण अभी तक बुनकर इसे तैयार करने में आगे नहीं आ रहे थे।
सलमा सिल्क समिति के सचिव मुन्तकिम अंसारी ने बताया कि काफी दिनों से शॉल बनाने की सोच चल रही थी। अब इसे इस बार धरातल पर उतारा जाएगा। शॉल बनने के साथ ही बिक भी जाएगा। इसके लिए भारत सरकार के कई सरकारी संस्थाओं की ओर से मांग आयी है। ट्रायल के तौर पर पहले सौ शॉल बनाया जाएगा। इसके बाद जैसे ही मांग बढ़ेगी तो बड़े पैमाने पर इसे तैयार किया जाएगा। शॉल कुछ दिनों में बनने लगेगा।
पौने तीन मीटर लंबा होगा शॉल
शॉल 45 इंच का होगा। यह पौने तीन मीटर लंबा होगा। सचिव ने बताया कि शॉल को कई कलर में तैयार किया जाएगा। इसके साथ कोई व्यक्ति शॉल का कलर अगर बदलना चाहेगा तो वह भी हो जाएगा। शॉल प्लेन में बनेगा, लेकिन दोनों आंचल (दोनों किनारे) डिजिटल प्रिंट व ब्लॉक प्रिंट उतारा जाएगा। एक शॉल को तैयार करने में बुनकरों को एक दिन का समय लगेगा। यह पूरी तरह सिल्क का होगा। इस कारण इसकी शुरुआती कीमत 35 सौ से अधिक होगी। उन्होंने बताया कि ठंड में सिल्क शॉल काफी आरामदायक होगा। यह काफी गर्म होगा।
महंगाई के कारण अभी तक नहीं बन रहा सिल्क शॉल
बिहार बुनकर कल्याण समिति के पूर्व सदस्य अलीम अंसारी ने बताया कि महंगाई के कारण अभी तक बुनकर सिल्क का शॉल नहीं बना रहे थे। अब ग्राहक भी महंगा सामान जो अच्छा होता है, उसको खरीद रहे हैं। भविष्य में सिल्क शॉल की मांग बढ़ेगी।
इस लग्न सिल्क के कोट-पैंट भी होंगे उपलब्ध
इस लग्न में सिल्क के कोट-पैंट भी ग्राहकों के लिए उपलब्ध रहेंगे। मुन्तकिम ने बताया कि कोट-पैंट में चमक होगी। यह पहनने में आरामदायक होगा। इसकी कीमत कम-से-कम तीन हजार रुपये मीटर होगी। शादी-विवाह को देखते हुए इसे तैयार किया जाएगा।
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