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बिहार का ऐसा स्कूल, जहां एक ही कमरे में बैठकर पढ़ते हैं पहली से पांचवीं तक के स्टूडेंट्स

रोहतास: बिहार में शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर विभाग की ओर से कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। मगर हकीकत ये है कि अभी तक कुछ जगहों पर शिक्षा की बुनियादी जरूरतें भी पूरी नहीं हो पाई हैं। रोहतास जिले के सुर्यपुरा प्रखंड में एक ऐसा विद्यालय है जहां एक कमरे में कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। शिवोबहार पंचायत स्थित प्राथमिक विद्यालय राघोडीहरा में पर्याप्त कमरे नहीं हैं। इस कारण एक कमरे में एक से पांच तक की कक्षाएं चलती हैं। विद्यालय में 45 बच्चों का नामांकन है। स्कूल में जो एक कमरा है वो भी काफी जर्जर हो चुका है। डीपीओ सह बीईओ रोहित रौशन का कहना है कि विद्यालय भवन की जांच वे खुद अपने स्तर से करेंगे। जांच के बाद रिपोर्ट जिले को सौंपा जाएगा। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। प्राथमिक विद्यालय में कक्षा एक से पांच तक के छात्रों को बैठने के लिए एक ही कमरा है, वह भी काफी जर्जर हो चुका है। बरसात में छत से पानी टपकता है। जिससे किसी अनहोनी की डर से छात्र व शिक्षक भयभीत रहते हैं। वहीं कमरे की दीवारों में भी दरार आ गई है। कमरा कभी भी ध्वस्त हो सकता है। भवन की जर्जर स्थिति को देखते हुए अभिभावक अपने बच्चों का नामांकन विद्यालय में कराने से कतराते हैं। अभिभावकों का कहना है कि हमें अपने बच्चों की शिक्षा से बढ़कर उनकी जान की चिंता है।विद्यालय में वर्तमान समय में एक से पांच वर्ग तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए दो शिक्षक कार्यरत हैं। विद्यालय में बने रसोई घर भी स्थिति काफी जर्जर है। रसोई घर की हालत देख ग्रामीणों का कहना है कि रसोई घर कभी भी गिर सकता है। विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा विभाग को कई बार इसकी जानकारी दी गई है लेकिन, अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।

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