पटना: पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में विपक्षी दलों की बैठक आयोजित की गई है। इस बैठक में राहुल गांधी समेत विपक्ष के 15 से 16 दलों के नेता शामिल हुए हैं। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर बैठक में रणनीति तय की जा रही है। इसी बीच जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने जेडीयू को लेकर बड़ी भविष्यवाणी कर दी है। पीके ने कहा है कि नीतीश 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष के नेताओं को एकजुट कर रहे हैं लेकिन लोकसभा चुनाव के पहले ही उनकी पार्टी जेडीयू का नामोनिशान मिट जाएगा।
पटना में विपक्षी दलों की बैठक पर प्रशांत किशोर ने कहा है कि नीतीश कुमार के चेहरे और तीर छाप पर बटन दबाकर कोई चुनाव नहीं जीतने जा रहा है। 2024 तक नीतीश कुमार की पार्टी ही नहीं बचेगी। नीतीश कुमार ने खुद ही मान लिया है कि अब उनके चेहरे पर एक भी वोट नहीं मिलने वाला है। जेडीयू के बैनर तले राजनीति करने वाले लोगों को अच्छी तरह से समझ में आ चुका है कि धीरे-धीरे यह नाव डूब रही है और जेडीयू का कोई भविष्य नहीं है।
उन्होंने कहा कि जनता दल यूनाइटेड के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जो लंबे समय से उसके साथ जुड़े रहे हैं, जन सुराज पदयात्रा के दौरान उनसे मुलाकात होती है और उन्हें भी इस बात का एसहास हो गया है कि कहीं न कहीं जब नीतीश के चेहरे पर वोट नहीं पड़ेगा और जेडीयू का संगठन जमीनी स्तर पर कही है नहीं तो आखिर उनकी राजनीति कैसे चलेगी। अभी तो ये लोग सत्ता में हैं इसलिए पता नहीं चल रहा है लेकिन जैसे-जैसे चुनाव का समय नजदीक आएगा तब जेडीयू का बचना मुश्किल हो जाएगा।
पीके ने कहा कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बन जाएं या प्रधानमंत्री के उम्मीदवार बन जाएं, बिहार उनकी जागीर नहीं है। बिहार की जनता वोट देने से पहले यह भी देखेगी कि एक मुख्यमंत्री और नेता रहते हुए आपने काम क्या किया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को 2025 तक का इंतजार नहीं करना चाहिए और तेजस्वी का जितनी जल्दी हो मुख्यमंत्री बना देना चाहिए ताकी लोग यह देख सकें कि तेजस्वी में कितनी काबिलियत है। 2025 के चुनाव में उसी के आधार पर वोट पड़ेगा तो शायद नीतीश और महागठबंधन के लिए यही ठीक होगा।
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