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बिहार के विराट रामायण मंदिर का निर्माण आज से, अयोध्या के राम मंदिर से भी ऊंचा होगा

मोतिहारी: बिहार के मोतिहारी में विराट रामायण मंदिर का निर्माण मंगलवार से शुरू होने जा रहा है। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। साल 2025 तक इस मंदिर के तैयार होने की उम्मीद है। तीन मंजिला इस मंदिर में कुल 12 शिखर होंगे। इसकी ऊंचाई अयोध्या में निर्माणाधीन भव्य राम मंदिर से भी ज्यादा होगी। रामायण मंदिर 1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा होगा। पटना स्थित महावीर मंदिर न्यास इसका निर्माण करा रहा है। कंबोडिया की सरकार द्वारा आपत्ति जताए जाने की वजह से इसका काम देरी से शुरू हो रहा है।

world largest shivling will installed in virat ramayana temple starting  construction on june 20 axs | विराट रामायण मंदिर में स्थापित होगा दुनिया का  सबसे बड़ा शिवलिंग, 20 जून से शुरू होगा

 

पूर्वी चंपारण जिले में कल्याणपुर प्रखंड के कैथवलिया में विराट रामायण मंदिर का निर्माण शुरू हो रहा है। मंदिर निर्माण समिति के सचिव ललन सिंह ने बताया कि निर्माण एजेंसी मंगलवार को पूजा के बाद पाइलिंग का काम शुरू कर देगी। इसे नवंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है। उसके बाद स्ट्रक्चर का काम शुरू होगा। तीन मंजिला मंदिर में 12 शिखर होंगे। प्रवेश करते ही सबसे पहले गणपति के दर्शन होंगे। इसके बाद विशाल शिवलिंग दिखेगा। मंदिर अयोध्या से जनकपुर तक बन रहे रामजानकी मार्ग पर स्थित होगा।

मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन साल 2012 में आचार्य किशोर कुणाल ने किया था। मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी संटेक इंफ्रा सॉल्यूशन को दी गई है। कंपनी ने मंदिर निर्माण स्थल पर क्रेन, हाईवा, जेसीबी आदि मशीनें मंगवा ली हैं। यह अयोध्या में बन रहे राम मंदिर मंदिर से ऊंचा होगा। मंदिर का क्षेत्रफल 3.67 लाख वर्ग फीट होगा। सबसे ऊंचा शिखर 270 फीट का होगा। इसके बाद 198 फीट का एक, 180 फीट के चार, 135 फीट का एक और 108 फीट के पांच शिखर होंगे।

विराट रामायण मंदिर में देवी-देवताओं के कुल 22 मंदिर होंगे। मंदिर में साढ़े 10 सौ टन स्टील से 3102 पिलरों का निर्माण होगा। पाइलिंग कार्य में 15 हजार क्यूबिक मीटर कंक्रीट की भी खपत होगी। मंदिर निर्माण के लिए अभी 120 एकड़ जमीन उपलब्ध है।

पांच साल बाद शुरू हुआ काम 
कंबोडिया सरकार की आपत्ति के कारण विराट रामायण मंदिर का काम बीते पांच सालों से शुरू नहीं हो सका था। कंबोडिया सरकार ने मंदिर के पहले नाम विराट अंकोरवाट मंदिर के नाम पर 2012 में आपत्ति जताई थी। आपत्ति के बाद महावीर मंदिर न्यास ने मंदिर का नाम विराट रामायण मंदिर कर दिया।

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