बेतिया, 23 मई। सघन दस्त अभियान कार्यक्रम के सफल संचालन को लेकर जिले के विभिन्न प्रखंडों में आशा, एएनएम/नर्स के लिए उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित की जा रही है। यह कार्यशाला प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा आयोजित करायी जा रही है। ताकि 0 से 16 वर्ष तक के बच्चों को दस्त के साथ ही अन्य बीमारियों से सुरक्षित किया जा सके। डीआईओ डॉ अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि सम्पूर्ण टीकाकरण के द्वारा पोलियो, टीबी, गलाघोंटू, काली खाँसी, हेपेटाइटिस बी के साथ अन्य गंभीर बीमारियों से बच्चों को सुरक्षित किया जा सकता है। शहरी स्वास्थ्य केंद्र बगहा 02 के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने मंगलवार को बैठक में उपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों को बच्चों के सम्पूर्ण टीकाकरण के लक्ष्य हासिल करने का निर्देश दिया। साथ ही उन्हें बताया कि शहरी क्षेत्रों के अलावा झुग्गी-झोपड़ी, ग्रामीण क्षेत्रों में डोर-टू-डोर भ्रमण कर सम्पूर्ण टीकाकरण के लिए लोगों को जागरूक करें।
शिशुओं को गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए सम्पूर्ण टीकाकरण जरूरी:
डीआईओ डॉ अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि शिशुओं को दिया जाने वाला टीका शिशुओं को कई तरह की गंभीर बीमारियों से बचाने के साथ प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। इसलिए नियमित रूप से बच्चों और नवजातों का टीकाकरण कराना जरूरी है। उन्होंने बताया कि सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने एवं शिशु के स्वस्थ शरीर निर्माण के लिए समय पर नियमित टीकाकरण जरूरी है। इसलिए कोविड के साथ नियमित टीकाकरण कार्यक्रम का भी आयोजन कर योग्य लाभार्थी का नियमित टीकाकरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि टीकाकरण बच्चों को डिप्थेरिया, काली खांसी, हेपेटाइटिस बी, टेटनेस, पोलियो, टीबी व खसरा जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए जरूरी है। नियमित टीकाकरण के दौरान बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी, मिजल्स, विटामिन ए, डीपीटी बूस्टर डोज, मिजल्स बूस्टर डोज और बूस्टर ओपीवी के टीके लगाए जाते हैं।
सभी पीएचसी व आंगनबाड़ी केंद्रों पर टीकाकरण की व्यवस्था:
जिले के सभी पीएचसी में निर्धारित तिथि के अनुसार, विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों पर नियमित टीकाकरण किया जाता है। कोविड प्रोटोकॉल के पालन के साथ संबंधित क्षेत्र की एएनएम द्वारा सेविका एवं आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से गर्भवती एवं शिशु का नियमित टीकाकरण किया जाता है। इसके अलावा जिला मुख्यालय एवं पीएचसी में भी टीकाकरण की व्यवस्था की गई है। सरकार की ओर से चलाए जाने वाले मिशन इंद्रधनुष अभियान के जरिए भी बच्चों को टीका लगाया जाता है।
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