पटना: बिहार के शिक्षक अभ्यर्थियों ने नीतीश सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। सातवें चरण की शिक्षक बहाली की मांग कर रहे अभ्यर्थी शुक्रवार से आंदोलन शुरू कर रहे हैं। पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों का जुटना शुरू हो गया है। प्रदर्शनकारी सातवें चरण के शिक्षक नियोजन को नीतीश कैबिनेट की बैठक में मंजूरी नहीं मिलने से नाराज हैं। हालांकि, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने उनसे धैर्य रखने की अपील की है।
शिक्षक अभ्यर्थियों ने शुक्रवार से पटना में महापड़ाव का ऐलान किया है। राज्य भर से बीटीईटी और सीटीईटी पास शिक्षक अभ्यर्थी राजधानी में इकट्ठा होकर नीतीश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। इनकी मांग है कि राज्य सरकार जल्द ही सातवें चरण की शिक्षक बहाली का नोटिफिकेशन जारी करे। दूसरी ओर, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने इस आंदोलन को बेकार बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार सातवें चरण की शिक्षक बहाली की प्रक्रिया में लगी हुई है। जल्द ही भर्ती का नोटिफिकेशन जारी कर नियोजन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि सातवें चरण की शिक्षक बहाली नई नियमावली के तहत होगी। शिक्षा विभाग ने यह नियमावली तैयार कर दी है, जल्द ही इसे सबके सामने रखा जाएगा।
सातवें चरण की बहाली को कैबिनेट मंजूरी नहीं मिलने से भड़के अभ्यर्थी
बता दें कि बिहार के शिक्षक अभ्यर्थी लंबे समय से सातवें चरण का नियोजन शुरू करने की मांग कर रहे हैं। पिछले दिनों शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने ट्वीट कर बताया था कि सातवें चरण के नियोजन का काम शिक्षा विभाग ने पूरा कर लिया है और इसे राज्य कैबिनेट के सामने मंजूरी के लिए रखा जाएगा। राज्य में करीब 3 लाख शिक्षकों की भर्ती होगी। हालांकि, इसके बाद हुई नीतीश कैबिनेट की बैठक में यह प्रस्ताव चर्चा के लिए नहीं लाया गया। इस वजह से अभ्यर्थियों को फिर से इंतजार करना पड़ रहा है और वे आंदोलन पर उतर आए हैं।
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