पटना: तेजस्वी यादव के स्वास्थ्य विभाग में बदहाली का बड़ा खुलासा हुआ है। बिहार के कई जिलों के सदर अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर (ओटी) और पैथोलॉजी लैब रेड जोन में हैं। नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल (एनक्यूएएस) की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। मुजफ्फरपुर का सदर अस्पताल भी मानकों पर खरा नहीं उतरा है। रिपोर्ट के अनुसार, सदर अस्पताल की लैब को सौ में से सिर्फ 45 अंक मिले हैं।
एनक्यूएएस की रिपोर्ट के अनुसार 50 प्रतिशत से कम अंक वाले को चिंताजनक माना जाता है। लैब के साथ ओटी की रिपोर्ट भी गड़बड़ है। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि ओटी का अंक अभी नहीं आया है। मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल को ओटी के अंक मिलाकर कुल 54 अंक मिले हैं जो उसे रेड जोन की स्थिति से बाहर रखे हुए है। राज्य स्वास्थ्य समिति ने एनक्यूएएस की रिपोर्ट सभी जिलों को भेजी है।
पिछले दिनों पटना में हुई समीक्षा बैठक में भी इस पर चर्चा हुई थी। मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. यूसी शर्मा ने बताया कि सदर अस्पताल की व्यवस्था को एनक्यूएएस के मानकों के अनुसार करने की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। जल्द ही इस पर काम शुरू होगा। एनक्यूएएस के मानकों पर खड़ा उतरने के लिए आवश्यक तैयारी की जा रही है।
आठ मानकों पर तैयार की जाती है रिपोर्ट
एनक्यूएएस की रिपोर्ट आठ मानकों पर तैयार की जाती है। इसमें सर्विस प्रोविजन, पेशेंट राइट, इनपुट, सर्पोट सर्विस, क्लीनिकल सर्विस, इंफेक्शन कंट्रोल और आउट कम शामिल हैं। सदर अस्पताल को क्वालिटी मैनेजमेंट में 21 अंक मिले हैं। रेडियोलॉजी भी रेड जोन में है। सदर अस्पताल में एक ही एक्स-रे मशीन है जो हर हफ्ते बिगड़ जाती है। इसके अलावा अल्ट्रा साउंड भी मरीजों का समय पर नहीं हो रहा। तीन दिन पहले दिल्ली से आई टीम ने भी सदर अस्पताल को एनक्यूएएस के मानकों पर खरा नहीं बताया है।
तीन जोन में बंटे हैं अस्पताल
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