Press "Enter" to skip to content

पूर्णिया में महागठबंधन की महारैली: पोस्टर से गायब हुए राहुल गांधी की हो गई एंट्री, जानिए कैसे

पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया जिले के रंगभूमि मैदान में 25 फरवरी को महागठबंधन की रैली आयोजित होने वाली है। इसको लेकर पूर्णिया में जगह-जगह पोस्टर लगाए गए हैं। उन पोस्टरों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तस्वीर नहीं होने से पार्टी के नेता और समर्थकों में काफी रोष देखने को मिला। मेगा रैली की सफलता की अपील करने वाले होर्डिंग्स और बैनरों में राहुल गांधी को नजरअंदाज किए जाने के बाद कांग्रेस पार्टी ने एक बैठक की। बैठक के बाद में राहुल गांधी और बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह की तस्वीरों वाले बैनर/पोस्टर/होर्डिंग्स लगाने का निर्णय लिया गया।

पूर्णिया में महागठबंधन की महारैली: पोस्टर से गायब हुए राहुल गांधी की हो गई एंट्री, जानिए कैसे

नाम नहीं छापने की शर्त पर एक कांग्रेसी नेता ने कहा कि एक ओर आप विपक्षी एकता की बात करते हैं तो वहीं दूसरी ओर इस तरफ की घटनाओं को होना अच्छा संकेत नहीं है। मैं इसे सार्वजनिक रूप से कह सकता हूं लेकिन शनिवार को होने वाली रैली को देखते हुए चुप रहना पसंद करता हूं। हालांकि उन्होंने इसे कांग्रेस पार्टी का अपमान बताया और कहा   कि अगर आप कांग्रेस पार्टी के बारे में बात करते हैं तो आप इसके नेता और भारत के भावी प्रधानमंत्री-राहुल गांधी को नजरअंदाज नहीं कर सकते।

कांग्रेस के पूर्व पूर्णिया जिला अध्यक्ष रंजन सिंह ने कहा कि महागठबंधन के होर्डिंग में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के साथ राहुल गांधी को तुरंत जगह देनी चाहिए थी और हमने इसे गंभीरता से लिया है। रंजन सिंह ने दावा करते हुए कहा  कि बिना कांग्रेस पार्टी के केंद्र से भाजपा को सत्ता से बेदखल करने का उद्देश्य कभी संभव नहीं है।

कांग्रेस नेताओं ने किसी भी तरह के मतभेद से इंकार किया है। उन्होंने राजद और जदयू नेताओं से ऐसे मुद्दों पर सतर्क रहने का आग्रह किया है। युवा कांग्रेस के नेता जयवर्धन सिंह ने स्वीकार किया कि यह एक छोटा मुद्दा हो सकता है लेकिन सार्वजनिक रूप से एक बड़ा संदेश देता है। दूसरी ओर, राजद के एक वरिष्ठ नेता ने अपनी पहचान जाहिर किए बिना कहा कि बिहार में लालू यादव और नीतीश कुमार इन दो नेताओं के अलावा मुझे नहीं लगता है कि ऐसा कोई नेता है, जो विशेष रूप से बिहार में लोगों पर कोई प्रभाव डाल सके। वहीं इस मुद्दे पर जब राजद और जदयू नेताओं से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे पास इस तरह के तुच्छ सवालों के लिए समय नहीं है, क्योंकि हमारा मुख्य ध्यान रैली को ऐतिहासिक बनाना है।

बता दें कि पूर्णिया में 25 फरवरी को रंगभूमि मैदान में उसी स्थान पर सात दलों के घटक महागठबंधन की ओर से एक मेगा रैली आयोजित की गई है, जहां पिछले साल 23 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नीतीश कुमार के भाजपा से अलग होने के बाद अपनी पहली रैली (स्वाभिमान रैली) को संबोधित किया था।

Share This Article
More from BIHARMore posts in BIHAR »
More from PATNAMore posts in PATNA »
More from PoliticsMore posts in Politics »
More from PURNIAMore posts in PURNIA »
More from STATEMore posts in STATE »

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *